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उत्तराखंड: नकली दवा मामले में 72 लोगों पर दर्ज हो चुके केस, 32 गए जेल, चारधाम यात्रा मार्गों पर फलों की जांच शुरू

देशभर में तेजी से फैल रहे नकली दवाओं के कारोबार पर लगाम लगाए जाने को लेकर भारत सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है. जिसके तहत केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन हर महीने दवाओं के सैंपल लेकर उनकी गुणवत्ता की रिपोर्ट जारी कर रहा है.

पिछले कुछ महीने से उत्तराखंड राज्य में निर्मित तमाम दवाइयां के सैंपल फेल होने के बाद उत्तराखंड ड्रग्स कंट्रोल विभाग भी सक्रिय हो गया है. ताकि प्रदेश में नकली दवाइयां के कारोबार पर लगाम लगायी जा सके. FDA से मिली जानकारी के अनुसार ड्रग्स विभाग ने पिछले तीन साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर 32 लोगों को जेल भेजा है.

प्रदेश में नकली दवाइयों के कारोबार पर शिकंजा कसने को लेकर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग लगातार अभियान चला रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन को देखते हुए FDA को वृहद स्तर पर छापेमारी की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद से ही ड्रग्स विभाग की टीम पर्यटन स्थलों में स्थित सभी दवा की दुकानों पर छापेमारी करने के साथ ही फार्मा कंपनियों का भी औचक निरीक्षण कर रही है.

ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिह जग्गी ने बताया कि नकली दवा माफिया के खिलाफ विभाग अभियान चला रहा है. चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन को देखते हुए मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. रुड़की और उधमसिंह नगर जिले में नकली दवा बनाने के अत्यधिक मामले सामने आये हैं. जिसके चलते पिछले 3 साल के भीतर 72 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. 32 लोगों को जेल भेजा गया है. इसके साथ ही बेस्ड निरीक्षण के 71 मामले, 14 निर्माण लाइसेंस निलंबित, 4 निर्माण लाइसेंस निरस्त, 63 औषधियों के अनुमोदन को निरस्त करने के साथ ही 223 निर्माण इकाइयों का सामान्य निरीक्षण किया गया है.

ड्रग्स कंट्रोलर ने बताया कि दिसम्बर, 2023 से मार्च, 2024 तक राज्य में बिक रही दवाइयों की गुणवत्ता को परखने के लिए तमाम जगहों से 281 दवाओं के सैंपल लिए गये. इनमें से 47 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे. हालांकि, ये सभी दवाइयां अन्य राज्यों में बनी थीं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. फार्मा कंपनियों के साथ ही दवाइयों के थोक और फुटकर विक्रेताओं पर भी कार्रवाई की जा रही है. साथ ही दवाइयों पर अनावश्यक छूट देने वाले रिटेलर पर निगरानी रखी जा रही है. दवाइयों पर अनावश्यक छूट देने वाले रिटेलर पर निगरानी के साथ डिस्ट्रीब्यूटर और होलसेलर को केवल बिल पर ही दवाइयों को बेचने के निर्देश दिये गये हैं.

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