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आदिवासी जिले के बच्चों ने निजी स्कूलों को कहा अलविदा, सरकारी प्राथमिक स्कूलों में लिया दाखिला 

नर्मदा जिले के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में प्रदान की जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के परिणामस्वरूप, माता-पिता का विश्वास बढ़ा है, इसका प्रमाण इस तथ्य से मिलता है कि 466 बच्चों ने निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में दाखिला लिया है. पूरे गुजरात के साथ-साथ नर्मदा जिले में भी तीन दिवसीय प्रवेशोत्सव एवं बालिका शिक्षा उत्सव की शुरूआत की गई है. वर्ष 2003 से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नर्मदा जिले के गांवों में रात्रि प्रवास कर पूरे राज्य में विद्यालय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत की.

इस शाला प्रवेशोत्सव एवं कन्या शिक्षा उत्सव का सकारात्मक प्रभाव नर्मदा जिले में देखने को मिल रहा है. नर्मदा जिले के 680 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में से 187 प्राथमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय बनाया गया है। इससे वर्तमान में 28461 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं.

ऐसे स्कूलों में कक्षाओं का चरणबद्ध निर्माण और उन्नयन, सभी ग्रेड के लिए स्मार्ट क्लासरूम, स्टीम लैब, कंप्यूटर लैब, भाषा लैब, खेल उपकरण, विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए संसाधन कक्ष और पर्यावरण प्रयोगशालाएं विकसित की जाती हैं. इस स्मार्ट क्लास के माध्यम से प्रभावी शिक्षण-अधिगम पर विशेष जोर दिया गया है.

निजी स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में शामिल होने वाले तालुकवार बच्चों में डेडियापाड़ा में 314, गरुड़ेश्वर में 58, नांदोद में 54, सागबारा में 14 और तिलकवाड़ा में 26 बच्चे शामिल हैं. जिन्होंने प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है.

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