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CJI बोले- नए क्रिमिनल लॉ समाज के लिए ऐतिहासिक, ये तभी सफल होंगे, जिन पर इन्हें लागू करने का जिम्मा है

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तीन नए आपराधिक कानूनों को ऐतिहासिक बताया. CJI ने ये भी कहा कि भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में अहम बदलाव के लिए तैयार है. ये बदलाव तभी सफल होंगे, जिन पर इन्हें लागू करने का जिम्मा है, वे इन्हें अपनाएंगे.

CJI के मुताबिक, इन नए कानूनों ने आपराधिक न्याय के कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदल दिया है. ये ऐतिहासिक इसलिए हैं, क्योंकि कोई भी कानून क्रिमिनल लॉ जैसा रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित नहीं करता.

CJI ने दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस इंडियाज प्रोग्रेसिव पाथ इन द एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में ये बातें कहीं. कार्यक्रम में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मेहता मौजूद थे.

तीनों नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता इस साल एक जुलाई से लागू हो जाएंगे. इन कानूनों के बिल को संसद ने 21 दिसंबर 2023 को पास कर दिया था. 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन करने के बाद ये तीनों बिल कानून बन गए थे.

*CJI चंद्रचूड़ की स्पीच की 3 खास बातें*

• भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली ने हमारे सामाजिक-आर्थिक परिवेश में हुए तकनीकी बदलावों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए संघर्ष किया है. न्याय प्रणाली ने समाज में होने वाले अपराधों के तरीकों की एक बार फिर से कल्पना की है.

• तकनीकी और नए युग के अपराध के बढ़ते दायरे, जो अपराध करने और नेटवर्क बनाने के लिए डिजिटल का इस्तेमाल करते हैं, इन्हें जांच की स्थिति में नहीं रखा जा सकता. इन चीजों ने अपराधों की जांच, सबूत और अभियोजन (प्रॉसिक्यूशन) के साथ-साथ न्याय देने में चुनौतियां पेश की हैं.

• भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता डिजिटल युग में अपराधों से निपटने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाती है. यह 7 साल से ज्यादा सजा वाले अपराधों के लिए तलाशी और जब्ती की ऑडियो विजुअल रिकॉर्डिंग और अपराध स्थल पर एक फोरेंसिक विशेषज्ञ की मौजूदगी तय करती है.

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