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सीएम नीतीश ने पलटा के के पाठक का फैसला, सभी सरकारी स्कूल 8 जून तक बंद

बढ़ती गर्मी और लू का प्रकोप भारत के अधिकांश हिस्सों को चपेट में लिया हुआ है. राजधानी दिल्ली हो या उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश या देश के अन्य हिस्से सभी भीषण गर्मी के चपेट में है. देश के कई हिस्सों में तोतापमान लगभग 50 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है. बात अगर बिहार की की जाए तो सूबे में गर्मी का भीषण प्रकोप है. भीषण गर्मी को देखते हुए देश के कई राज्यों में स्कूल को बंद कर दिया गया है, लेकिन बिहार में सरकारी स्कूल का संचालन किया जा रहा थी और इसके पीछे की वजह शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक का आदेश है. फिलहाल इस वक्त जो बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने के के पाठक के आदेश को पलट दिया है और बिहार के स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव ब्रजेश महरोत्रा को 30 मई से 8 जून 2024 तक स्कूल बंद करने के लिए आदेश दिया है.

भीषण गर्मी और लूप के चपेट के बावजूद भी केके पाठक के आदेश की वजह से बिहार में सरकारी स्कूल का संचालन किया जा रहा था. भीषण गर्मी के कारण स्कूली बच्चे लगातार बेहोश हो रहे थे और शिक्षक भी इस गर्मी से त्रस्त थे लेकिन केके पाठक स्कूल बंद करने के आदेश नहीं दिया. हालांकि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्कूल के टाइमिंग में जरूर बदलाव किया था. बिहार के अलग-अलग जिलों से स्कूली बच्चों के बेहोश होने की तस्वीर लगातार निकलकर सामने आ रही थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी सरकारी स्कूलों को बंद करने के निर्देश दिए हैं.

बिहार के अधिकांश हिस्सों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था जबकि औरंगाबाद की बात करें तो वहां 48 डिग्री तक पारा पहुंच गया. इस भीषण गर्मी में भी बिहार के स्कूल संचालित किए जा रहे थे और आज बेगूसराय एवं शेखपुरा से कई बच्चों की बेहोश होने और तबियत बिगड़ने की खबर सामने निकल कर आई. इसके बाद स्कूल के शिक्षक और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव केके पाठक के फरमान के विरुद्ध में आंदोलन करने का मन बना लिया था.

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