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पुरी से कांग्रेस प्रत्याशी का लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार, टिकट लौटाकर बोलीं- चुनाव अभियान के लिए फंड नहीं दे पा रही पार्टी

​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​सुचारिता मोहंती ने कहा कि मैं एक पीपल-ओरिएंटेड कैम्पेन चाहती थी लेकिन धन की कमी के कारण यह भी संभव नहीं था. कांग्रेस भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है. भाजपा सरकार ने पार्टी को पंगु बना दिया है. खर्चों पर काफी तरह का प्रतिबंध है.

ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने चुनाव प्रचार के लिए पार्टी से पर्याप्त फंड नहीं मिलने का हवाला देते हुए अपना टिकट लौटा दिया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने चुनाव लड़ने के लिए पब्लिक फंडिंग का सहारा लिया. अपने चुनाव में कम से कम खर्च करने का प्रयास किया, इसके बावजूद मैं आर्थिक रूप से संघर्ष करती रही और एक प्रभावशाली चुनाव प्रचार अभियान को कायम नहीं रख सकी.’

सुचारिता मोहंती ने कहा, ‘मुझे पार्टी से फंड देने से इनकार कर दिया गया. विधानसभा क्षेत्रों में कमजोर उम्मीदवारों को टिकट दिया गया. भाजपा और BJD पैसे के पहाड़ पर बैठे हैं. यह मेरे लिए मुश्किल था. हर जगह धन का अश्लील प्रदर्शन हो रहा है. मैं उस तरह प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहती. मैं एक जनता केंद्रित कैम्पेन चाहती थी. लेकिन धन की कमी के कारण यह भी संभव नहीं था. कांग्रेस भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है. भाजपा सरकार ने पार्टी को पंगु बना दिया है. खर्चों पर काफी तरह का प्रतिबंध है. मुझे पुरी में जनता का अच्छा समर्थन मिल रहा था. वे बदलाव चाहते हैं.’

कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल को लिखे पत्र में सुचरिता ने कहा, ‘पुरी संसदीय क्षेत्र में हमारा अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि पार्टी ने मुझे फंड देने से इनकार कर दिया है. पार्टी के ओडिशा प्रभारी डॉ. अजॉय कुमार जी ने स्पष्ट रूप से मुझसे बचाव करने के लिए कहा है. मैं एक सैलरीड प्रोफेशनल पत्रकार थी, जो 10 साल पहले चुनावी राजनीति में आई. मैंने पुरी में अपने कैम्पेन में अपना सब कुछ झोंक दिया. मैंने अपने चुनाव अभियान को फंड करने के लिए पब्लिक डोनेशन कैम्पेन चलाने की कोशिश की. लेकिन अब तक इसमें कोई विशेष सफलता नहीं मिली है. मैंने खर्च को भी न्यूनतम करने का प्रयास किया.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘चूंकि मैं अपने दम पर धन नहीं जुटा सकी, इसलिए मैंने आपका और हमारी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का दरवाजा खटखटाए, और पुरी संसद सीट पर एक प्रभावशाली अभियान के लिए आवश्यक पार्टी निधि देने का आग्रह किया. यह स्पष्ट है कि केवल धन की कमी ही हमें पुरी में विजयी अभियान से रोक रही है. मुझे खेद है कि पार्टी फंडिंग के बिना, पुरी में अभियान चलाना संभव नहीं होगा. इसलिए, मैं पुरी संसदीय क्षेत्र के लिए कांग्रेस का टिकट वापस कर रही हूं. ऐसे समय में जब सत्तारूढ़ सरकार हर जगह धन का भद्दा प्रदर्शन कर रही है, मैं बिना फंड के चुनाव नहीं लड़ सकती.’

बता दें कि पुरी से बीजेपी ने संबित पात्रा को उतारा है, जबकि बीजद से अरूप पटनायक चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने संबित पात्रा को टिकट दिया था. तब वह बीजद के पिनाकी मिश्रा से मात्र 11714 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे. मिश्रा को 538,321 और पात्रा को 5,26,607 वोट मिले थे. कांग्रेस के सत्य प्रकाश नायक महज 44,734 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. 2014 के चुनाव में BJD के उम्मीदवार पिनाकी मिश्रा ने कांग्रेस की उम्मीदवार सुचारिता मोहंती को यहां से हराया था. तब सुचारिता ने 2,59,800 लाख वोट हासिल किए थे. बीजेपी के अशोक साहू को 2,15,763 वोट मिले थे.

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