कांग्रेस आईटी सेल के महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को बीजेपी पर जम्मू कश्मीर चुनाव में बहुमत के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि चुनाव में हार को देखते हुए बीजेपी इस तरह का भयावह खेल खेल रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनके पास ऐसा कहने के लिए स्पष्ट जानकारी और आधार है. बीजेपी जानती है कि जम्मू कश्मीर के लोगों ने कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन को चुना है.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद का कहना है कि बीजेपी जम्मू कश्मीर में हार के खतरे को देखते हुए बहुमत के साथ छेड़-छाड़ करने का भयावह खेल खेल रही है. वह त्रिशंकु विधानसभा के उम्मीद में है ताकि उन्हें जोड़-तोड़ करने में मदद मिल सके. बीजेपी ने अपनी स्वघोषित ‘चाणक्य-नीति’ के पुराने तरीकों का सहारा लिया है. इससे पहले कांग्रेस के सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने भी ऐसा ही मुद्दा उठाया था, जिसपर उन्हें गृहमंत्री कार्यालय से कड़ा जवाब भी मिला.
‘सत्ता का गलत उपयोग कर रही बीजेपी’
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने अपने X पर एक पोस्ट के जरिए बीजेपी पर बहुमत के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा, ‘वे जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया है. इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खत्म करने के लिए उन्होंने अपनी स्वघोषित ‘चाणक्य-नीति’ के पुराने तरीकों का सहारा लिया है. हमारे पास यह कहने के लिए स्पष्ट जानकारी और आधार है’.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी लोगों के फैसले को नकारने के लिए सत्ता का गलत उपयोग कर रही है. उन्होंने लिखा, ‘जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन के पक्ष में लोगों के फैसले को नकारने के लिए सत्ता का गलत और दुर्भावनापूर्ण ढंग से इस्तेमाल किया जा रहा है. हम ऐसे नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.’ कांग्रेस नेता का आधार क्या है उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया है.
अब्दुल्ला के बयान को HMO ने बताया था भ्रामक
इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर मुख्यमंत्री की शक्तियां कम करने और सरकार के कामकाज में कटौटि होने का दावा किया था. उन्होंने दावा किया था कि केंद्र से मुख्य सचिव को इस काम पर लगाया गया कि ताकि आने वाली सरकार की शक्तियों में कटौती की जा सके. हालांकि, गृहमंत्री अमित शाह के कार्यालय ने इस पर कड़ा बयान जारी कर इसे भ्रामक और अटकलों वाला करार दिया था.