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राजस्थान में कांग्रेस का गठबंधन से किनारा,सभी सीटों पर उतारे उम्मीदवार

राजस्थान उपचुनाव में सभी सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने बुधवार देर रात उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने झुंझुनूं से अमित ओला को टिकट दिया है तो रामगढ़ से विधायक रहे जुबैर खान के बेटे आर्यन जुबेर पर भरोसा जताया है. दौसा सीट से डीडी बैरवा,देवली-उनियारा से केसी मीणा,खींवसर से डॉ. रतन चौधरी, सलूंबर से रेशमा मीना और चौरासी से महेश रोत को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है.

कांग्रेस ने राजस्थान में गठबंधन से किनारा कर लिया है और अपने दम पर उपचुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक दी है. भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) चौरासी और सलूंबर सीट से चुनाव लड़ रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीएपी मिलकर लड़ी थी, लेकिन उपचुनाव में एक दूसरे के खिलाफ किस्मत आजमा रही हैं. ऐसे में कुछ सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला तो कुछ सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई की संभावना बन गई है.

BJP ने किया प्रत्याशियों का ऐलान

राजस्थान की सात में से छह सीट पर बीजेपी ने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है, लेकिन अभी तक चौरासी विधानसभा सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है. कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के बाद अब इंडिया गठबंधन के इंतजार में बैठी हनुमान बेनीवाल की आरएलपी भी अब खींवसर के अलावा अन्य कुछ सीटों पर भी अपने प्रत्याशी उतार सकती है.

ऐसे खाली हुई राजस्थान की सात सीटें

राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिसमें पांच सीटें विधायकों के सांसद बन जाने से खाली हुई है तो दो सीटें विधायक के निधन से खाली हुई हैं. रामगढ़ सीट कांग्रेस से विधायक रहे जुबैर खान और सलूंबर सीट बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के निधन से खाली हुई हैं.

वहीं, पांच विधानसभा सीटें 2024 के लोकसभा चुनाव में विधायकों के सांसद बन जाने से खाली हुई हैं, जिसमें झुंझुनू सीट कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला, देवली-उनियारा सीट हरीश चंद्र मीणा और दसाऊ सीट मुरारीलाल मीणा के लोकसभा सांसद चुने जाने से खाली हुई हैं. इसके अलावा खींवचर सीट आरएलपी के विधायक रहे हनुमान बेनीवाल और चोरासी सीट भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत के लोकसभा सांसद चुने जाने से खाली हुई है.

कांग्रेस और बीजेपी की साख दांव पर लगी

राजस्थान उपचुनाव की जिन सात सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उसमें चार सीटें कांग्रेस कोटे से खाली हुई हैं. बीजेपी, बीएपी और आरएलपी कोटे से एक-एक विधानसभा सीट खाली हुई है. इस तरह सबसे ज्यादा साख कांग्रेस की दांव पर लगी है तो बीजेपी के सामने अपनी प्रतिष्ठा को बचाए रखने की चुनौती है. कांग्रेस के सामने अपने कोटे की खाली चार विधानसभा सीटों को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है तो सत्ता पर काबिज बीजेपी क्या अपना दम दिखा पाएगी?

झुंझुनूं सीट पर BJP-कांग्रेस के प्रत्याशी

झुंझुनूं विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है तो बीजेपी ने राजेंद्र भांबू पर दांव खेला है. कांग्रेस अपने कब्जे वाली झुंझुनू सीट को बचाए रखने के लिए गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री और झुंझुनू से मौजूदा सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला पर दांव खेला है. 2023 चुनाव में यह सीट बृजेंद्र ओला ने जीती थी.

दौसा सीट पर BJP-कांग्रेस का मुकाबला

दौसा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने डीडी बैरवा को प्रत्याशी बनाया है. बैरवा की पत्नी बीना बैरवा वर्तमान में लवाण पंचायत समिति की प्रधान हैं जबकि बीडी बैरवा जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव हैं. डीडी बैरवा का मुकाबला बीजेपी के जगमोहन मीणा से है. जगमोहन मीणा राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ.किरोड़ीलाल मीणा के छोटे भाई हैं.

रामगढ़ और खींवसर विधानसभा सीट

रामगढ़ सीट पर कांग्रेस ने आर्यन जुबैर को प्रत्याशी बनाया है, जो पूर्व विधायक जुबैर खान के छोटे बेटे हैं. यह सीट जुबेर खान के निधन के चलते खाली हुई है और कांग्रेस ने उनके बेटे को उतारकर सहानुभूति का लाभ उठाने की कोशिश है. ऐसे में आर्यन का मुकाबला बीजेपी के सुखवंत सिंह है. खींवसर सीट पर बीजेपी से रेवंत राम डांगा चुनाव लड़ रहे हैं तो कांग्रेस से डॉ.रतन चौधरी किस्मत आजमाएंगी. रतन चौधरी पूर्व आईपीएस सवाई सिंह की पत्नी हैं और ज्योति मिर्धा के साथ ही इन्होंने भी भाजपा जॉइन की थी, लेकिन अब कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगी.

देवली उनियारा सीट पर बीजेपी से राजेंद्र गुर्जर चुनाव लड़ रहे हैं तो कांग्रेस से केसी मीणा मैदान में होंगे. हाल ही केसी मीणा ने वीआरएस लिया है और कांग्रेस सांसद हरीश मीणा की पैरवी पर टिकट मिला है. इस तरह हरीश मीणा अपनी सीट से अपने करीबी को चुनाव लड़ा रहे हैं.

सलूंबर और चौरासी विधानसभा सीट

सलूंबर से बीजेपी ने दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा को चुनावी मैदान में उतरा है तो कांग्रेस ने रघुवीर मीणा की जगह रेशमा को टिकट देकर चौंका दिया है. बीएपी ने जितेश कटारा को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन बीजेपी ने सहानुभूति कार्ड खेला है. चौरासी विधानसभा सीट पर कांग्रेस से महेश रोत चुनाव लड़ रहे हैं, जो छात्र राजनीति से आए हैं. बीजेपी ने चौरासी सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है, लेकिन बीएपी से अनिल कटारा को उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है. यहां पर बीएपी के प्रमुख राज कुमार रोत की साख दांव पर लगी है.

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