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डाबर का दावा- भारत में बिकने वाले मसालों में नहीं मिलाते कीटनाशक

डाबर का कहना है कि वह डोमेस्टिक मार्केट के लिए अपने मसाला प्रोडक्ट में एथिलीन ऑक्साइड का इस्तेमाल नहीं करती है. कैंसर पैदा करने वाले एथिलीन ऑक्साइड के हाई लेवल के कारण सिंगापुर और हांगकांग में भारतीय मसाला मार्केट की लीडिंग कंपनियों एमडीएच और एवरेस्ट पर हाल ही में बैन लगाए जाने के बाद डाबर के मैनेजमेंट की और से यह बयान आया है. इस डेवलपमेंट ने भारतीय मसाला कंपनियों को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर (US FDA) और ऑस्ट्रेलियन फूड सेफ्टी अथॉरिटी के जांच के दायरे में ला दिया है.

कंपनी के मैनेजमेंट ने नतीजों के बाद कहा कि डाबर के बादशाह ब्रांड वाले मसाला पोर्टफोलियो पर कहीं भी प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. कंपनी ने कहा कि इंटरनेशनल नियमों के लिए, भारतीय मसाला बोर्ड एक्सपोर्ट मार्केट के लिए कंपनी के बैच की देखरेख करता है, यह सुनिश्चित करता है कि वे आवश्यक मानकों को पूरा करते हैं. कहा गया है कि डाबर का एथिलीन ऑक्साइड ट्रीटमेंट, जिसका उपयोग आमतौर पर माइक्रोबियल ग्रोथ को रोकने के लिए किया जाता है. एक्सपोर्ट के लिए भारतीय मसाला बोर्ड द्वारा बनाई गई सीमाओं का डाबर पालन करता है.

डाबर के CEO मोहित मल्होत्रा ने कहा ”हम निर्धारित सीमा के भीतर हैं. इसलिए हमें लगता है कि हम सुरक्षित हैं.” कहा गया है कि क्वालिटी के मामले में कंपनी ने अपने एक्सपोर्ट बैचों की स्टरलाइजेशन सुनिश्चित करने के लिए एक माइक्रो लैब स्थापित की है. एथिलीन ऑक्साइड के बजाय, कंपनी ने निर्यात बैचों के लिए स्टीम स्टरलाइजेशन का विकल्प चुना है.

कंपनी ने कहा कि रेगुलेटरी निरीक्षण के संदर्भ में वे डोमेस्टिक रेगुलेटरी बॉडी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करते हैं. चूंकि एथिलीन ऑक्साइड FSSAI रेगुलेशन का हिस्सा नहीं है, इसलिए कंपनी घरेलू बाजार में अपने प्रोडक्ट पर एथिलीन ऑक्साइड का छिड़काव नहीं करती है.

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