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मोहन की नई शिक्षा नीति पर दिग्विजय के सुझाव, शुरू हुई सियासत

भोपाल। प्रदेश की मोहन सरकार का एक फैसला सियासी हलचल में फंसता नजर आ रहा है। जहां सीएम मोहन ने स्कूली पाठ्यक्रम में राम और कृष्ण से संबंधित विषय जोड़ने की पैरवी की है। वहीं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को यह निर्णय एकतरफा प्रतीत हो रहा है। उनका मानना है कि स्कूली बच्चों को राम और कृष्ण के साथ पैगंबर मोहम्मद और नानक के अलावा अन्य धर्मों के महापुरुषों की जीवनी भी पढ़ाई जाना चाहिए।
सीएम डॉ मोहन यादव ने शुक्रवार को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में राम और कृष्ण के पाठ जोड़ने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि महापुरुषों की जीवनी पढ़ेंगे तो बच्चों को शुरुआत से ही अच्छे संस्कार मिलेंगे। उनके इस निर्णय को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग गंभीर तैयारियों की तरफ भी बढ़ता दिखाई देने लगा है। कहा जा रहा है कि शिक्षा विभाग अगले सिलेबस में राम और कृष्ण के विषय जोड़ने की तैयारी भी करने लगा है।

दिग्विजय ने उठाए सवाल
सीएम मोहन यादव के बयान के बाद राजनीति गर्म हो गई है। कांग्रेस ने इसे एक पक्षीय फैसला करार दिया है। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शिक्षा पाठ्यक्रम में राम और कृष्ण के विषय जोड़ने को अच्छा निर्णय बताया है। लेकिन साथ ही मुस्लिम पैगम्बर हजरत मोहम्मद, सिख समुदाय के गुरु नानक जी और ईसाई, बौद्ध और जैन समाज के महपुरुषों को भी शैक्षणिक पाठ्यक्रम में जोड़ने की मांग उठा दी है।

अब असमंजस में शिक्षा विभाग
राम और कृष्ण को पाठ्यक्रम में जोड़ने की तैयारी कर रहे शिक्षा विभाग के सामने अब असमंजस की स्थिति बन गई है। कहा जा रहा है कि सीएम डॉ मोहन यादव के आदेश और दिग्विजय सिंह की मांग को अब तालमेल करते हुए किसी नए आदेश का इंतजार किया जा रहा है।

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