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RSS-BJP के लोग क्या हिंसा-नफरत को लोकतंत्र का मूलमंत्र बनाना चाहते हैं? प्रियंका गांधी वाड्रा का हमला

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोलता है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा किनेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जैसे-जैसे मजबूती से जनता की आवाज उठा रहे हैं, वैसे-वैसे उनके खिलाफ जुबानी और वैचारिक हिंसा बढ़ रही है.

उन्होंने सवाल किया कि क्या देश के करोड़ों पिछड़ों, आदिवासियों, दलितों और गरीबों की आवाज उठाना इतना बड़ा अपराध है? प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा की नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को को “उनकी दादी जैसा हाल” बना देने की धमकियां देने लगी है.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि लगातार एक के बाद एक अभद्र, हिंसक और अमानवीय बयानों से यह साबित होता है कि यह एक संगठित-सुनियोजित अभियान है. जो देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है.

हिंसा को लोकतंत्र का मूलमंत्र बनाना चाहते हैं: प्रियंका

उन्होंने कहा कि इससे भी ज्यादा खतरनाक है प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत समूचे आरएसएस-बीजेपी नेतृत्व का इसे शह देना और कोई कार्रवाई न करना.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरएसएस और बीजेपी से सवाल किया कि वे लोग क्या अब हिंसा और नफरत को ही लोकतंत्र का मूलमंत्र बनाना चाहते हैं?

 

बता दें कि अमेरिकी दौरे पर सिखों की सुरक्षा का मुद्दा उठाने पर दिल्ली बीजेपी के नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा था कि राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ.

स्टालिन ने भाजपा नेता पर बोला हमला, बयान की निंदा की

इस बीच डीएमके के नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने भाजपा नेता के बयान की आलोचना की. उन्होंने ट्वीट कर कहा किमीडिया में आई खबरों से गहरा सदमा लगा है कि भाजपा नेता ने धमकी दी है कि राहुल गांधी का भी उसकी दादी जैसा ही हश्र होगा तथा शिंदे सेना के एक विधायक ने जीभ काटने पर इनाम घोषित किया है. साथ ही अन्य धमकी भी दी गई है.

उन्होंने कहा किराहुल गांधी के करिश्मे और बढ़ते जन समर्थन ने स्पष्ट रूप से कई लोगों को बेचैन कर दिया है, जिसके कारण इस तरह की घिनौनी धमकी दी जा रही है. केंद्र सरकार को विपक्ष के नेता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और यह पुष्टि करनी चाहिए कि हमारे लोकतंत्र में धमकी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.

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