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Health Alert: खरबूजा खाते ही होता है सिरदर्द? बढ़ सकता है कैंसर का खतरा, ऐसे करें असली और नकली खरबूजे की पहचान

गर्मियों के मौसम में खरबूजा लोगों की पहली पसंद होता है। इसकी ठंडक और मिठास जहां एक ओर गर्मी से राहत दिलाती है, वहीं यह स्वास्थ्य के लिए भरपूर फायदेमंद भी साबित होता है। हालांकि, गर्मियों में इसकी बढ़ती मांग के चलते कई बार इसे जल्दी पकाने के लिए केमिकल का सहारा लिया जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। केमिकल के प्रयोग से यह फल तेजी से पक जाता है। इस फल में पोटेशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो हृदय के लिए अत्यंत लाभदायक होती है। पोटेशियम न केवल रक्तचाप को संतुलित करने में सहायक होता है, बल्कि यह सोडियम के नकारात्मक प्रभावों को भी नियंत्रित करता है।

केमिकल से पके हुए खरबूज को आसानी से पहचान – अक्सर, उपभोक्ता इस पहचान में चूक जाते हैं कि कौन सा खरबूजा प्राकृतिक रूप से पका है और कौन सा केमिकल से। ऐसे में केमिकल से पके खरबूज का सेवन न केवल स्वाद में कमी कर सकता है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है। आइए इस लेख में हम आपको विशेषज्ञ द्वारा सुझाए गए कुछ आसान और प्रभावी तरीके बताएंगे, जिनकी मदद से आप केमिकल से पके हुए खरबूज को आसानी से पहचान सकेंगे और अपने साथ-साथ अपने परिवार की सेहत का भी ख्याल रख सकेंगे।

खरबूजे में होते हैं दाग और सफेद निशान – लखनऊ राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्राचार्य और डीन, प्रोफेसर माखन लाल का कहना है कि अक्सर यह सुनने में आता है कि बाजार में बिकने वाले खरबूज में केमिकल और इंजेक्शन का उपयोग होता है। इससे लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह उत्पन्न होती है कि वे असली और स्वाभाविक रूप से पके हुए खरबूज की पहचान कैसे करें? जो खरबूज जमीन पर उगाए जाते हैं, उनमें अक्सर दाग और सफेद निशान होते हैं,जो उनके प्राकृतिक रूप से पकने की निशानी होती है। हालांकि आजकल बाजार में मिलने वाले खरबूज अक्सर एक समान रंग के होते हैं और उन पर किसी भी प्रकार के दाग या निशान नहीं होते, जिससे यह संदेह होता है कि इन्हें केमिकल की सहायता से एक ही रात में पकाया गया है।

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