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राहुल गांधी से पूर्व कांग्रेसी चंद्रशेखर शुक्ला के तीखे सवाल: पूछा- झीरम के संदिग्‍ध को क्‍यों बनाया प्रत्‍याशी

कांग्रेस के पूर्व नेता चंद्रशेखर शुक्ला ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को पत्र लिखा है. उन्होंने राहुल गांधी से अपने पत्र के जरिए तीन सवाल पूछे हैं, जिसमें बस्तर में हुए झीरम घाटी नक्सल हमले का भी जिक्र है. उन्होंने कहा कि कवासी को महंत ने 2013 में जिसे संदिग्ध ठहराया था, उसे आपने क्या क्लीन चिट देकर लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है ?

बता दें राहुल गांधी आज बस्तर दौरे पर हैं और वहां से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, इसी को लेकर चंद्रशेखर शुक्ला ने हमला बोला है.

राहुल गांधी को लिखे पत्र में शुक्‍ला ने कहा कि क्या झीरम के शहीदों को आप शहीद नहीं मानते हैं या सिर्फ शहीद सिर्फ वही हैं, जो आपके परिवार से हैं, आपने इनको न्याय दिलाने के लिए संसद में कितनी बार मांग और कोशिश की है ?

तीसरे सवाल में कहा कि पूर्व CM भूपेश बघेल जिन सबूतों को जेब में डालकर रखे हुए हैं, वह सबूत कब बाहर आएंगे ? अब तो आपकी सरकार भी चली गई, भूपेश बघेल जी किसे बचाना चाहते हैं.

मेरा यह मानना है झीरम घाटी का नरसंहार कांग्रेस नेताओं की आपसी खूनी रंजिश का नतीजा है, जिसमें शहीद विद्या भैय्या, शहीद नंद कुमार पटेल, शहीद महेन्द्र कर्मा जी और शहीद उदय मुदलियार सहित 31 अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शहादत देनी पड़ी थी.

मेरा शहीद उदय मुदलियार के परिवार से भी आग्रह है कि राजनांदगांव चुनाव के प्रत्याशी भूपेश बघेल को सबूत को सार्वजनिक करने का आग्रह करें.

32 साल से कांग्रेस में रहे महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने भाजपा ज्वॉइन कर ली है. बता दें कि शुक्ला एनएसयूआई में प्रदेश महामंत्री, यूथ कांग्रेस में महामंत्री और यूथ कांग्रेस पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रहे.

इसके बाद उन्हें प्रदेश सचिव बनाया गया. 7 साल तक वे किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे. भूपेश सरकार आई तो उन्हें प्रभारी संगठन महामंत्री जैसा बड़ा पद दिया गया. वर्तमान में वे महामंत्री के साथ जांजगीर चांपा लोकसभा के प्रभारी थे.

कांग्रेस छोड़ने की वजहों में चंद्रशेखर ने सीधे कहा कि पार्टी अपनी विचारधारा भूल चुकी है. कार्यकर्ताओं का अपमान हो रहा है, जिस पार्टी में जुबान की कोई कीमत ही न हो वहां रहकर भी क्या करेंगे.

शुक्ला ने कहा कांग्रेस अपनी विचारधारा से भटक चुकी है. कांग्रेस का नारा होता था- जात पर न पात पर मुहर लगेगी हाथ पर. अब कांग्रेस अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण में लग गई. बहुसंख्यक समुदाय को अपमानित करने लगी.

मोदी जी का विरोध करते-करते ये राम विरोधी और राष्ट्रविरोधी हो गए. जिन किसानों ने इन्हें सत्ता की कुर्सी पर बैठाया, 5 साल सिर्फ उनका अपमान हुआ. भ्रष्टाचार के नायाब नमूने पेश किए गए.

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