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स्मृति ईरानी से लेकर बालियान टेनी तक… इन मंत्रियों को बंगला खाली करने का निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार बन चुकी है. अब 18वीं लोकसभा के लिए सभी जीते हुए सांसद लोकसभा में शपथ लेंगे. 24 जून को शुरू हो रहे लोकसभा सत्र में शपथ दिलाई जाएगी. इसमें कई ऐसे सांसद हैं जो दूसरी या तीसरी बार सदन में कदम रखेंगे. वहीं, कई ऐसे भी हैं जो पहली बार सांसद बने हैं.

पहले से सांसदों के तो आवास बरकरार रहेंगे, लेकिन जो पहली बार सांसद बने हैं उन्हें सरकारी बंगले आवंटित किए जाएंगे. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव हार चुके सांसदों को अपना आवास छोड़ना होगा. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में हारे मंत्रियों को बंगला खाली करने का निर्देश दिया गया है. 11 जुलाई तक उन्हें अपने बंगले को खाली करने का समय मिला है. शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले डायरेक्टर ऑफ स्टेटस ने नोटिस जारी किया है.

हारे हुए मंत्रियों में किनका नाम?

हारे हुए मंत्रियों में स्मृति ईरानी, आरके सिंह, अर्जुन मुण्डा, महेंद्रनाथ पांडेय, संजीव बालियान, राजीव चंद्रशेखर, कैलाश चौधरी, अजय मिश्रा टेनी, वी मुरलीधरन, निशित प्रामाणिक, सुभाष सरकार, साध्वी निरंजन ज्योति, रावसाहेब दानवे, कौशल किशोर,भानुप्रताप वर्मा, कपिल पाटिल, भगवंत खुबा, भारती पवार आदि का नाम शामिल है. मीनाक्षी लेखी जैसे नेता भी हैं जिनको टिकट नहीं मिला है.

क्या है कहता है नियम?

केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को लुटियंस दिल्ली में बंगले आवंटित किए जाते हैं. सांसदों और मंत्रियों को आवास उनकी सदन की सदस्यता के आधार पर मिलते हैं. हारे हुए सांसदों की सदस्यता खत्म होने के बाद एक महीने के अंदर उन्हें सरकारी बंगला खाली करना होता है. इसके लिए बाकायदा नोटिस जारी किया जाता है. नोटिस मिलने के बाद 30 दिन के अंदर आवास खाली करना होता है.

पब्लिक प्रिमाइसेस एविक्शन ऑफ अनऑथोराइज्ड ऑक्यूपेंट्स एक्ट के तहत सरकारी बंगलों को खाली कराया जाता है. किसी तरह का विवाद होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है. विशेष परिस्थितियों में बंगला खाली करने के लिए बल का प्रयोग भी किया जा सकता है.

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