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ग्वालियर: रिटायर्ड होमगार्ड जवान की नींद की 15 गोलियां खिलाकर हत्या, 15 साल की पोती ने शव बॉक्स में छिपाया, 4 दिन उस पर बैठकर खाना खाया

ग्वालियर में रिटायर्ड होमगार्ड जवान की हत्या उनकी 15 साल की पोती ने ही की थी. बचने के लिए पुलिस के सामने 3 अलग-अलग कहानियां गढ़ दीं. रिटायर्ड जवान अपनी पोती को फोन पर ज्यादा बात करने से टोकता था. यही बात उसे नागवार गुजरी. पुलिस ने आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया है.

29 मार्च को ग्वालियर के गुढ़ा इलाके के कृष्णा नगर स्थित एक मकान में रामस्वरूप राठौर (65) का शव बॉक्स में मिला था. 30 मार्च को पड़ोसी के निर्माणाधीन मकान की छत पर पानी की टंकी के पास उनकी पोती छिपी मिली. रामस्वरूप मूलरूप से दतिया के पंडोखर के रहने वाले थे. घटना से 8 दिन पहले वह 15 साल की पोती के साथ ग्वालियर आए थे. पोती यहां 10वीं की छात्रा है.

*पहले जानिए, कैसे हुआ खुलासा*

3 दिन की पूछताछ में लड़की ने पुलिस के सामने 3 अलग- अलग कहानियां सुनाईं. पुलिस को उसकी किसी भी कहानी पर विश्वास नहीं हुआ. सख्ती से पूछताछ की, तो उसने सच उगल दिया.

*पहली-* 28 मार्च की सुबह लड़की ने परिजन को फोन किया. कहा- कुछ बदमाश घर आए हैं. दादा के साथ लेनदेन के विवाद में मारपीट कर रहे हैं. परिजन ने दादा से बात कराने को कहा, तो बताया कि वे रुपए लेने गए हैं.

*दूसरी-* कुछ लोगों ने दादा के साथ मारपीट की. उन्हें धमकाया. इसके बाद मार डाला.

*तीसरी-* 28 मार्च को ही लड़की ने पिता महेश राठौर को फोन किया. कहा- कुछ लोगों ने लेनदेन के विवाद में दादाजी की हत्या कर दी है. लाश कमरे में पड़ी है. मैं किसी अंधेरे कमरे में बंद हूं. इस पर परिजन घबराकर ग्वालियर आए.

पुलिस से पूछताछ में पोती ने बताया- होली से करीब एक हफ्ते पहले स्कॉलरशिप के सिलसिले में दादा रामस्वरूप के साथ दतिया से ग्वालियर आई थी. त्योहार वाले दिन दोस्त से फोन पर बात कर रही थी. इसी दौरान दादा ने देख लिया. उन्होंने डांट लगा दी और चांटे भी मारे थे. इससे इतनी खफा हो गई कि दादा को रास्ते से हटाने की ठान ली.

पूछताछ में लड़की ने बताया कि होली वाले दिन घर के पास स्थित मेडिकल स्टोर से नींद की गोली का पत्ता खरीदा. इसमें 15 गोलियां थीं. चूंकि इसी मेडिकल स्टोर से वह पिता के लिए अक्सर दवा खरीदती थी. इस कारण उसे गोलियां मिल गईं. रामस्वरूप को हलवा बहुत पसंद था, इसलिए शाम को सूजी का हलवा बनाया. इसमें 15 गोलियां मिलाकर दादा को खिला दिया.

लड़की ने पुलिस को बताया- हलवा खाने के बाद दादा को नींद आने लगी. वह खुद के सहारे उन्हें चलाकर बॉक्स के पास ले गई. बॉक्स का ढक्कन पहले से खुला था. जैसे ही, नींद के नशे में बक्से की ओर रामस्वरूप झुके, पोती ने उन्हें धक्का दे दिया. बक्से के अंदर ही दादा का गला दबा दिया. छिपाने के लिए ऊपर से कपड़े डाल दिए. ढक्कन भी लगा दिया.

लड़की ने बॉक्स के ऊपर गद्दा बिछा दिया. 25 मार्च की रात से लेकर 28 मार्च की शाम तक लड़की घर में दादा के शव के साथ अकेली रही. इस दौरान उसी बॉक्स पर बैठकर खाना खा रही थी. इसी पर सो रही थी.

बदबू आने लगी, तो वह आगे वाले कमरे में आकर रहने लगी. इस दौरान 2 से 3 बार पड़ोसी भी घर आए, लेकिन किसी को घटना का अहसास नहीं होने दिया. कभी बाबा के बाजार जाने, तो कभी शादी में जाने की बात कहती रही.

लड़की बेखौफ और निडर थी. उसने बक्से पर बैठकर दोस्तों से वीडियो कॉल पर भी बात की. 2 बार अपने पिता को भी कॉल किया. 2 दिन बाद शव सड़ने के कारण बदबू आने लगी. लड़की ने घर के खिड़की, दरवाजे खोल दिए. साथ ही, 24 घंटे पंखा और कूलर चलाए, जिससे अंदर का तापमान कम रहे और लोगों को कुछ पता नहीं चल सके.

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