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Health Risk: पैक्ड चिप्स-आइसक्रीम खाते हैं तो हो जाइए सावधान, ये समय से पहले मृत्यु का बढ़ा रहे हैं खतरा

अध्ययनों में बार-बार चेतावनी दी जाती रही है अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स सेहत को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे मोटापे से लेकर ब्लड प्रेशर-कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा हो सकता है। पर क्या आप जानते हैं कि नियमित रूप से इन चीजों के सेवन से न सिर्फ हृदय रोग-कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही ये समय से पहले मृत्यु के जोखिमों को भी बढ़ाने वाले हो सकते हैं।

बीएमजे जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर लोगों को सावधान किया है। 45 अध्ययनों में शामिल एक करोड़ से अधिक लोगों पर किए गए शोध में वैज्ञानिकों ने इससे होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर अलर्ट किया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाने या पीने की चीजों के कारण लोगों में कैंसर और मानसिक रोग, श्वसन और हृदय संबंधी विकारों, गैस्ट्रो और मेटाबॉलिज्म स्वास्थ्य की समस्याएं अधिक देखी जा रही हैं, जो समय से पहले मृत्यु के खतरे को भी बढ़ा रही हैं।

लगभग सभी उम्र के लोगों में इस प्रकार के आहार के कारण होने वाली समस्याएं देखी गई हैं।

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स क्या हैं?

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स के कारण होने वाली समस्याओं को जानने से पहले ये जान लेना आवश्य है कि किस तरह के खाद्य पदार्थों को अल्ट्रा-प्रोसेस्ड की श्रेणी में रखा जाता है?

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स औद्योगिक रूप से तैयार खाद्य पदार्थ होते है जिन्हें प्राकृतिक भोजन से तो प्राप्त किया जाता है पर इनको लंबे समय तक टिकाऊ बनाए रखने, स्वाद को बढ़ाने के लिए कुछ प्रकार के प्रिजर्वेटिव्स, रसायन और रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। इन खाद्य-पेय पदार्थों में ऐडेड शुगर और सोडियम की मात्रा भी अधिक हो सकती है जिससे सेहत को कई प्रकार से नुकसान होता है।

मानसिक रोगों का बढ़ रहा है खतरा

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से सेहत को किस प्रकार से नुकसान पहुंचता है इस बारे में जानने के लिए किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन को सीधे तौर पर अस्थमा, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों और कुछ कैंसर से संबंधित पाया गया है।

ऑस्ट्रेलिया स्थित डीकिन यूनिवर्सिटी में फूड एंड मूड सेंटर में शोधकर्ता और अध्ययन के प्रमुख लेखक मेलिसा लेन कहते हैं, अध्ययन में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स सीधे तौर पर मानसिक विकारों को बढ़ा रहे हैं। इस तरह की चीजों का अधिक सेवन करने वाले लोगों में चिंता-तनाव की दिक्कत 53 फीसदी अधिक देखी गई है।

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से क्रोनिक बीमारियों का जोखिम

शोधकर्ता कहते हैं, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के साथ अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स खाने वालों में टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों का खतरा भी अधिक देखा जाता रहा है। अध्ययन से पता चलता है कि अन्य लोगों की तुलना में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजों का अधिक सेवन करने वालों में हृदय रोग-डायबिटीज के कारण समय से पहले मृत्यु का खतरा भी 20 फीसदी अधिक देखा गया है।

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