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बच्चों को बनाना चाहते हैं स्मार्ट और तेज तो जीवन में अपना ले यह 7 आदतें

बच्चा बड़ा होकर कैसा इंसान बनेगा यह बहुत हद तक पेरेंटिंग पर निर्भर करता है, इसलिए माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छे से अच्छी बातें सीखे और एक अच्छा इंसान बने.
भारतीय मांओं को पेरेंटिंग के कुछ विषय टिप पता होने चाहिए जिससे उनका बच्चा तेज तर्रार और खुश रहने वाला बने. ऐसे बच्चे ही खुश रहते हुए जीवन में आगे बढ़ते हैं.

बात रखने का मौका दें
ओपन कम्युनिकेशन का माहौल बनाएं ताकि आपके और आपके बच्चे के बीच विश्वास का रिश्ता बना रहे. ऐसा माहौल बनाएं जिससे बच्चा बिना किसी भाई के आपसे सारी बातें शेयर कर सके. उसकी बातों को ध्यान से सुनें और समझें.

संस्कृति से रूबरू कारण
यह इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे बच्चों को एक पहचान मिलती है. उसे पता चलता है कि उसकी जड़ें कहां है. इसके लिए आप त्योहार मनाए और परिवार के इतिहास की कहानी बच्चों को सुनाएं और अपने बच्चों को मातृभाषा सिखाएं.

आजादी को दे तवज्जो
बच्चों को खुद पर निर्भर रहना सिखाएं यानी उन्हें आजादी देना शुरू करें. इससे उनका कॉन्फिडेंट और समस्या सुलझाने की ताकत बढ़ती है. वहीं इसके लिए उन्हें उनकी उम्र के हिसाब से जिम्मेदारी दे. फैसले लेने दे और खुद से नई चीज़ सीखने की अनुमति दें. साथ ही एक बाउंड्री भी तय करें ताकि बच्चों में डिसिप्लिन आए.

पढ़ाई और जोर
बच्चों के भविष्य के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है. इसलिए पढ़ाई को तवज्जो दें. घर पर पढ़ाई के लिए अच्छा वातावरण रखें. किताबों से उनका रिश्ता अच्छा हो इसके लिए खुद भी किताबें पढ़ें.

स्वस्थ खानपान की आदत
बच्चों को स्वस्थ खानपान की आदत डालें. इसके लिए उन्हें संतुलित भोजन दे और जंक फूड कम मात्रा में यानि की कभी कभार ही दे. बच्चों से पूछे कि वह क्या खाना चाहते हैं और उन्हें कुकिंग में भी शामिल करें ताकि बच्चें की खाने में रुचि पैदा हो.

दूसरों का सम्मान करना
भारतीय मांओं को अपने बच्चों को दूसरों की भावनाओं को समझना और उसका सम्मान करना सीखना चाहिए. उन्हें दूसरों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करें और अपना सामान शेयर करना भी सिखाएं.

स्क्रीन टाइम सीमित करना
ज्यादा फोन टीवी देखने से बच्चे की शारीरिक सेहत नींद और सामाजिकविकास प्रभावित होता है. इससे बचने के लिए स्क्रीन टाइम लिमिट करें और उन्हें बाहर खेलने भेजें. किताबें पढ़ें और हॉबी को फॉलो करने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको खुद भी अपनी स्क्रीन टाइम लिमिट करनी होगी ताकि बच्चा आपको देखकर सीखे.

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