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ब्रिटेन में सेक्शुअल कंटेंट से ब्लैकमेल करना सिखाया जा रहा, सोशल मीडिया पर शेयर हो रही गाइ़ड, युवक ने कमाए 21 करोड़ रुपए

ब्रिटेन में सोशल मीडिया पर सेक्सटॉर्शन यानी सेक्शुअल कंटेंट के जिरए ब्लैकमेल करने से जुड़ी गाइड साझा की जा रही है. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गाइड में बताया गया है कि महिलाएं कैसे सेक्शुअल कंटेंट के जरिए किसी व्यक्ति को ब्लैकमेल कर सकती हैं.

इसे लेकर मंगलवार को लंदन की एक अदालत में नाइजीरिया के नागरिक ओलामाइड शानू नाम के शख्स की पेशी भी हुई. शानू पर आरोप है कि वह अपने गैंग के साथ मिलकर ब्रिटेन के नागरिकों को ब्लैकमेल करता है. उसके गैंग ने कई बच्चों को भी निशाना बनाया है. इस रैकेट के जरिए शानू अब तक 21.26 करोड़ रुपए भी कमा चुका है.

अमेरिका ने ब्रिटेन में शानू को प्रत्यर्पित करने की अर्जी भी लगाई है. 33 साल के शानू पर अमेरिका के इडाहो राज्य में जबरन वसूली, मनी लॉन्ड्रिंग और साइबरस्टॉकिंग के आरोप हैं। इन मामलों में उसने 1 बच्चे समेत 4 लोगों को टारगेट किया है.

नाइजीरिया के गैंग सेक्सटॉर्शन गाइड फैला रहे

ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी ने पिछले महीने सेक्सटॉर्शन को लेकर स्कूलों के लिए अलर्ट भी जारी किया था. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन के छात्र सबसे ज्यादा इस तरह के कंटेंट का शिकार हो रहे हैं. इसे ज्यादातर वेस्ट अफ्रीकी देशों और खासतौर पर नाइजीरिया के गैंग फैला रहे हैं.

अक्टूबर 2022 में ब्रिटेन के 2 टीनएजर्स ने सेक्सटॉर्शन से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी. वहीं सेक्सटॉर्शन के मामलों की जांच कर रहे अधिकारियों ने दावा किया है कि पिछले 3 साल में सैकड़ों लोगों को टारगेट किया जा चुका है.

हाईस्कूल स्टूडेंट्स को टारगेट किया जा रहा

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर आरोपी सोशल मीडिया के जरिए हाईस्कूल स्टूडेंट्स और स्पोर्ट्स टीम के खिलाड़ियों को चुनते हैं. इसके बात वे इनसे दोस्ती करते हैं. सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही सेक्सटॉर्शन गाइड में बताया गया है कि इस काम के लिए ऐसे फोन को चुनना चाहिए, जिसे ट्रेस न किया जा सके.

गाइड में फेक प्रोफाइल बनाने से लेकर ब्लैकमेल करने और पैसे हासिल करने की तरकीब सिखाई गई है. इस तरह की गाइड पर सेल लगी हुई है, और बड़ी संख्या में इसे खरीदा-बेचा जा रहा है. सेक्सटॉर्शन के मामलों के एक्सपर्ट पॉल राफाइल ने कहा कि टेक कंपनियां इसे रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा रही हैं. पॉल ने कहा कि कई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, स्नैपचैट पर 2-3 साल से ऐसे कंटेंट की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में ये जरूरी है कि टेक कंपनियां अपराधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाएं.

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