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भारत की सिम का WhatsApp पाकिस्तान में एक्टिव, सैनिकों के फोन में वायरस भेजकर जासूसी, एक साल से फरार आरोपी गिरफ्तार

भारतीय सेना के जवानों के मोबाइल फोन में मालवेयर भेजकर जासूसी करने की पाकिस्तानी साजिश का गुजरात ATS ने पर्दाफाश किया है. गुजरात एटीएस को मिलिट्री इंटेलीजेंस से इनपुट मिला था कि कोई पाकिस्तानी एजेंसी का जासूस भारतीय सेवा के जवानों के फोन में संदिग्ध लिंक (वायरस) भेजकर उनके फोन का डेटा हैक करता है और भारतीय सेना की गुप्त जानकारी लीक करता है.

गुजरात ATS के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. सुरक्षा एजेंसी ने पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे मोहम्मद सकलेन को अरेस्ट कर लिया है. जामनगर के रहने वाले मोहम्मद सकलेन ने सिम कार्ड ख़रीदकर भारतीय नंबर पर व्हाट्सएप एक्टिवेट करवाया था. जो कि पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहा था और उस व्हॉट्सएप नंबर से जम्मू-कश्मीर में सेना की जासूसी की जा रही थी. इस मामले का भंडाफोड़ गुजरात ATS ने पिछले साल अक्टूबर मे किया था और आरोपी पकड़े थे. आज उन आरोपियों में से फ़रार एक आरोपी सकलेन को गिरफ्तार कर लिया है.

बता दें कि इंडियन आर्मी के जवानों के मोबाइल फोन में मालवेयर भेजकर जासूसी करने की पाकिस्तानी साजिश का गुजरात ATS ने पर्दाफाश किया है. गुजरात एटीएस को मिलिट्री इंटेलीजेंस से इनपुट मिला था कि कोई पाकिस्तानी एजेंसी का जासूस भारतीय सेवा के जवानों के फोन में संदिग्ध लिंक (वायरस) भेजकर उनके फोन का डेटा हैक करता है और भारतीय सेना की गुप्त जानकारी लीक करता है.

इसके बाद गुजरात ATS ने नंबर की जांच की, जिसमें यह नंबर जामनगर के मोहम्मद सकलेन के नाम पर रजिस्टर था. उसने यह सिम कार्ड जामनगर के ही असगर को दिया गया था और पाकिस्तान एंबेसी में काम कर रहे एक शख्स ने यह सिम कार्ड गुजरात के आणंद जिले के तारापुर के रहने वाले लाभशंकर महेश्वरी को दिया हालांकि लाभशंकर माहेश्वरी पाकिस्तान में रहता था और साल 1999 में वीजा के आधार पर भारत आया. साल 2005 में उसने और उसकी पत्नी ने भारतीय नागरिकता हासिल की थी.

इसके बाद लाभशंकर ने साल 2022 में पाकिस्तानी वीजा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन वीजा में देरी हो रही थी, जिसकी वजह से उसने पाकिस्तान मे रहने वाले अपने मौसी के बेटे किशोर रामवाणी से बात की थी. किशोर ने पाकिस्तान एंबेसी में किसी शख्स से व्हाट्सएप पर बात करने के लिए लाभशंकर को कहा था. इसके बाद लाभशंकर और उसकी बीवी का वीजा मंजूर हुआ और दोनों पाकिस्तान चले गए. बाद में उसने अपनी बहन और उसकी बच्ची के लिए पाकिस्तानी वीजा के लिए फिर से इस शख्स से पाकिस्तान एंबेसी में संपर्क किया था और मंजूर भी करवा लिए थे.

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