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थाईलैंड बैठे आका से निर्देश, दिल्ली में व्यापारियों की रेकी… हाशिम बाबा के गुर्गे की साजिश का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस ने हाशिम बाबा गैंग के एक गुर्गे को गिरफ्तार किया है. वो पूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके में दो व्यापारियों की जासूसी कर रहा था. आरोपी के कब्जे से चार जिंदा कारतूस के साथ एक पिस्तौल भी बरामद की गई. पुलिस उससे हिरासत में पूछताछ कर रही है.

पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान सलीम (30) के रूप में हुई है. वो थाईलैंड में रहने वाले एक गैंग के सरगना राशिद केबलवाला के निर्देश पर ट्रांस यमुना क्षेत्र के व्यापारियों की जासूसी कर रहा था, मैसेजिंग एप्लीकेशन के जरिए हाशिम बाबा और राशिद से लगातार संपर्क में था.

बताया जा रहा है कि सलीम फरवरी में राशिद से मिलने के लिए थाईलैंड गया था. पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) अमित कौशिक ने बताया कि सूचना मिली थी कि वेलकम इलाके का निवासी सलीम किसी से मिलने बाबरपुर बस टर्मिनल पर आएगा. उसके पास हथियार होगा.

DCP कौशिक ने बताया कि सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की एक टीम ने जाल बिछाया और सलीम को पकड़ लिया. तलाशी के दौरान सलीम के पास से दोनों व्यापारियों के स्थान, पता और फोटो सहित अन्य जानकारी बरामद की गई. पूछताछ के दौरान उसने कई खुलासे किए हैं.

बताते चलें कि हाशिम बाबा का असली नाम आसिम है. दिल्ली के यमुनापार इलाके में सबसे पहले उसने गैंबलिंग का धंधा शुरू किया. आसिम संजय दत्त की तरह बड़े-बड़े बाल रखता था. उनकी स्टाइल में फोटो खिंचवाता. धीरे-धीरे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की तरह बनने का सपना देखने लगा.

वो यमुनापार में फैले नासिर गैंग में शामिल हो गया. व्यापारियों को डरना, धमकाना, रंगदारी मांगना, पैसे न देने पर गोली मार देना, इस गैंग का धंधा था. आसिम संजय दत्त का फैन है. गोली चलाने के अपने अनोखे स्टाइल की वजह से वो हाशिम बाबा के नाम से कुख्यात हो गया.

नासिर गैंग के लीडर के जेल जाने के बाद हाशिम बाबा ने उसकी कमान संभाल ली. वो गैंग जिसे नासिर ने खड़ा किया, उस पर हाशिम ने कब्जा कर लिया. जेल से बाहर आने के बाद जब नासिर को इसका एहसास हुआ, तब दोनों के बीच गैंगवार शुरू हो गया. इसमें कई लोगों की जान जा चुकी है.

हाशिम बाबा इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में है. वो ज्यादातर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में छुपता था, जो काफी भीड़-भाड़ वाले होते थे. कभी चांद बाग, कभी मुस्तफाबाद, कभी सलीमपुर में इसकी लोकेशन मिलती, लेकिन पुलिस के कई किलोमीटर दूर पहुंचने से पहले ही वो फरार हो जाता था.

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