कर्नाटक में किसानों की जमीन को वक्फ बोर्ड की बताने पर सियासत गरमा गई है. खुद जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल मामले की पड़ताल के लिए कर्नाटक पहुंचे हुए हैं. उन्होंने हुबली और विजयपुर सहित कई जिलों का दौरा किया और किसानों से रिपोर्ट ली और उनकी शिकायतें सुनीं. जगदंबिका पाल के इस कदम पर उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार समेत मंत्रियों और विधायकों समेत कांग्रेस नेताओं ने नाराजगी जताई है और जेपीसी पर हमला बोला है.
उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने वक्फ ज्वाइंट हाउस कमेटी के दौरे के बारे में हुबली में मीडिया को जवाब देते हुए कहा कि वक्फ ज्वाइंट हाउस कमेटी पार्टी के काम में आई है.
उन्होंने कहा कि जगदंबिका पाल कर्नाटक में चुनाव प्रचार के लिए आये हैं. जेपीसी एक थिएटर कंपनी है. बसवराज बोम्मई के काल में संशोधन हुआ था. किसानों की संपत्ति जब्त करने का सवाल ही नहीं उठता हैज्वाइंट हाउस कमेटी पर निशाना साधते हुए उन्होंनेकहा कि हम किसानों को बचाएंगे.
जेपीसी कमेटी का कदम राजनीति से प्रेरित
जेपीसी पर हमला बोलते हुए मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि जेपीसी कमेटी का राज्य का दौरा राजनीति से प्रेरित है. संयुक्त संसदीय समिति क्या है? क्या सभी सदस्यों को समिति की बैठकों में भाग लेना चाहिए? सिर्फ अध्यक्ष आए हैं. उनके साथ कौन है? बीजेपी के पूर्व सांसद हैं. इन सबका कमेटी से क्या लेना-देना है? बीजेपी का कहना है कि वक्फ को हटाया जाए. डेढ़ साल पहले भी बीजेपी की सरकार थी. फिर मांग करने में इतनी देर क्यों लगी है?
जगदंबिका पाल के दौरे को बताया चुनावी हथकंडा
एक अन्य मंत्री ईश्वर खंड्रे ने हावेरी में इस बारे में बात करते हुए कहा कि संसदीय संयुक्त समिति की बैठक एक चुनावी हथकंडा है. बीजेपी अपनी गलती हम पर डाल रही है. वे अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस तरह का ड्रामा कर रहे हैं. सीएम ने कहा कि किसी भी किसान को नहीं छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि वक्फ बिना जांच के नहीं होता.
उन्होंने कहा किसंसद की संयुक्त समिति राजनीति कर रही है. ये बात मासूम लोगों को समझनी चाहिए. महाराष्ट्र, झारखंड और राज्य में उपचुनाव आ गये हैं, यह सब चुनावी हथकंडा है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करेगी. गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा कि वक्फ ज्वाइंट हाउस कमेटी के चेयरमैन अकेले आये हैं. यह केवल एक राजनीतिक खेल है.