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विधानसभा सत्र : मदरसों पर चली महाभारत, आतिफ बोले शर्म आना चाहिए सरकार को

भोपाल। खंडवा से एटीएस द्वारा सिमी कनेक्शन के शक में उठाए गए फैजान मामले को लेकर एक बार फिर मदरसा शिक्षा को लेकर सियासी जंग छिड़ी दिखाई दे रही है। सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने प्रदेश से मदरसा शिक्षा बंद करने की पैरवी कर डाली।इसके जवाब में पहली बार विधायक बने आतिफ अकील ने सरकार को घेरा है।

विधानसभा सत्र के पांचवें दिन सदन में भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने मदरसा शिक्षा का मामला उठाया। उन्होंने मदरसा तालीम को आतंकवाद से जोड़ते हुए इनको बंद करने की पैरवी कर डाली। ठाकुर ने कहा कि मदरसों से आतंकवाद का कनेक्शन एक बार फिर साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मदरसों का भौतिक सत्यापन एवं जांच की जाना चाहिए।

साथ ही अवैध रूप से संचालित मदरसों को तत्काल बंद किया जाना चाहिए। उषा ठाकुर की बात को राजधानी भोपाल के विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में देशद्रोह जैसी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। मदरसा शिक्षा को लेकर जारी इस बहस में मंत्री इंदर सिंह परमार भी शामिल हुए और उन्होंने भी मदरसा तालीम को प्रदेश के लिए घातक करार दिया।

आतिफ ने संभाला मोर्चा 

कांग्रेस विधायक आतिफ अकील ने भाजपा की तरफ से उठी इस बात का सख्ती से विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार को शर्म आना चाहिए, जो एक वर्ग विशेष से जोड़कर कमजोर वर्ग को मिलने वाली आसान शिक्षा के खिलाफ बात की जा रही है। अकील ने कहा कि यह सबको पता है कि मदरसों में क्या हो रहा है, क्या तालीम दी जा रही है और इससे कौन लाभान्वित हो रहा है। उन्होंने कहा कि महज एक समुदाय को टारगेट बनाकर की जाने वाली बातें सरकार के लिए शोभनीय नहीं हैं।

 

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