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मालदीव के विदेश मंत्री पहुंचे भारत, रिश्तों में आई दूरियों को पाटने की कोशिश

भारत के साथ संबंधों में चल रहे तनाव के बीच 9 मई को मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर पहली बार भारत दौरे के अंतर्गत नई दिल्ली पहुंचे. दिल्ली में उन्होंने भारतीय समकक्ष डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की. दोनों देश के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. मालदीप के विदेश मंत्री का भारतीय दौरा कई मायनों में खास माना जा रहा है.

दिल्ली में मूसा समीर ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए भारतीय सैलानियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में मालदीव आने की अपील की.

गौरतलब है कि मोहम्मद मुइज्जू नवंबर 2023 में मालदीव के राष्ट्रपति चुने गए थे. उनका रुख हमेशा से भारत विरोधी रहा है. इसके साथ ही उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इंडिया आउट का नारा भी दिया था. साथ ही भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने के लिए भी कहा था. मालदीव के राष्ट्रपति के द्वारा 10 मई तक भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने के लिए कहा गया था. जिसके बाद भारत ने भी अपने 51 सैनिकों को वापस बुला लिया था.

मालदीव के इस रुख के बाद लगातार दोनों ही देश के बीच के संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा था. मालदीव के इस रवैया के विरुद्ध बॉलीवुड समेत भारत के कई हस्तियों ने बॉयकॉट मालदीव का कैंपेन चलाया जिसके बाद वहां का टूरिज्म इंडस्ट्री लगभग ठप हो गया. भारत ने भी मालदीव को सहयोग देना बंद कर दिया. इससे मालदीव की आर्थिक हालत खस्ता होने लगी.

विदेश मंत्री मूसा ज़मीर का नई दिल्ली दौरा मालदीव और भारत के रिश्तों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के दृष्टिकोण से भी देखा जा सकता है. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मालदीव के विकास में खुलकर मदद करने की अपील की थी.

माना जा रहा है कि मालदीव भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने और पुराने सहयोग को फिर से स्थापित करना चाहता है, इसलिए मुइज्जू में अपने विदेश मंत्री को भारत भेजा है. ताकि द्विपक्षीय संबंधों में आए हुए तनाव को काम किया जा सके और दूरियों को पाटा जा सके.

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