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मोदी ने तीसरी बार ली प्रधानमंत्री पद की शपथ, टूटता दिखाई दे रहा INDI गठबंधन

लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है. हालांकि इस बार मोदी सरकार की राह आसान नहीं होगी और गठबंधन की सहयोगियों पर निर्भर होकर सरकार चलाना पड़ेगा. लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को अपने दम पर बहुमत को प्राप्त नहीं हुआ. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर NDA गठबंधन बहुमत प्राप्त करने में सफल हुई. चुनाव परिणाम के बाद से ही लगातार ये सवाल उठ रहे हैं की क्या नरेंद्र मोदी गठबंधन की सरकार 5 साल चला पाएंगे.

हालांकि इन तमाम सवालों का जवाब आने वाले समय में मिलेगा लेकिन नरेंद्र मोदी तीसरी बार बतौर प्रधानमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. शपथ ग्रहण समारोह को लेकर के भी विपक्ष लगातार तंज कस रहा था. नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में जहां भारत के पड़ोसी राज्य के कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं, तो वहीं विरोधी दल के कई नेताओं ने इस शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया.

तृणमूल कांग्रेस की मुखिया सह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुई. तो वहीं कांग्रेस के तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.

मोदी के पीएम बनते ही टूटने लगा INDI गठबंधन

INDI गठबंधन के तमाम नेताओं को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद NDA की सरकार नहीं बनेगी और विपक्षी गठबंधन को सरकार बनाने का मौका मिलेगा लेकिन ऐसा हो नहीं सका. NDA को पूर्ण बहुमत मिल गई और वर्तमान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एकजुट और मजबूत दिखाई दे रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव परिणाम आने के ठीक बाद INDI गठबंधन में स्पष्ट रूप से टूट दिखाई पड़ने लगी है. हरियाणा, दिल्ली और गुजरात में गठबंधन करने वाली कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अब आने वाले दिल्ली एवं हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है. आम आदमी पार्टी के तरफ से स्पष्ट किया गया है की दिल्ली और हरियाणा के होने वाले विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी. जाहिर है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था और साथ लोकसभा सीट में से एक भी सीट पर सफलता हासिल नहीं हो पाई. भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के सातों लोकसभा सीट को जीतने में सफल हो गई.

कांग्रेस पार्टी और इंडिया ब्लॉक के कई नेताओं को उम्मीद है कि भविष्य में NDA में टूट हो सकती है और नीतीश कुमार एवं चंद्रबाबू नायडू अलग हो सकते हैं. लेकिन वर्तमान की स्थिति में INDI गठबंधन में ही टूट होती हुई नजर आ रही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में INDI गठबंधन खुद को एकजुट रख पाती है या अन्य कई और दल इस गठबंधन से खुद को अलग कर लेते हैं.

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