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साहित्य अकादेमी : 365 दिन में 700 से ज्यादा प्रोग्राम, साल में हर दिन एक पुस्तक प्रकाशन का भी रिकॉर्ड

भोपाल। एक देश, कई भाषाएं, अनेकों बोलियां… और हर भाषा और बोली का अलग अलग साहित्य। हमारे देश की अनेकता में एकता के सूत्र को एकजाई करने में केंद्रीय साहित्य अकादेमी ने भी महत्वपूर्ण कदम उठाए और इसके बेहतर परिणाम नजर भी आने लगे हैं। उत्तर में बसे साहित्यकार को दक्षिण और पूरब में काम कर रहे किसी साहित्य साधक को पश्चिम तक पहुंचाकर यहां वहां बिखरी कलाओं से लोगों को परिचित कराने की मुहिम सार्थक परिणाम के साथ खड़ी है।

केंद्रीय साहित्य अकादेमी के उर्दू परामर्श मंडल के संयोजक चन्द्र भान ख़याल ने यह बात कही। वे बुधवार को होने वाले अकादेमी के राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि सतत काम करने वाली साहित्य अकादेमी इकलौती संस्था कही जा सकती है, जिससे साल के 365 दिनों में 700 से ज्यादा प्रोग्राम किए जाते हैं। अकादेमी हर साल 700 से ज्यादा किताबें प्रकाशित करने की महारत भी रखती है।

उन्होंने बताया कि हर वर्ग और भाषा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अकादेमी मुख्यत्तः 4 तरह के अवार्ड दे रही है। जिनमें साहित्य अकादेमी पुरस्कार, अनुवाद पुरस्कार, बाल साहित्य पुरस्कार और युवा पुरस्कार शामिल हैं। ख्याल ने बताया कि अवार्ड दिए जाने से ज्यादा महत्वपूर्ण यह भी कहा जा सकता है कि इन पुरस्कृत पुस्तकों को सभी भाषाओं में अनुवाद कराया जा रहा है। उद्देश्य यही है कि एक जगह का साहित्य किसी दूसरे स्थान पर जाकर भाषा की वजह से कमजोर न पड़े।

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