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MPPSC Toppers: भाई-बहन एक साथ बनेंगे डिप्टी कलेक्टर, बताया सक्सेस का गोल्डन रूल

MPPSC Toppers Interview: भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में न तो विद्वानों की कमी है और ना ही विद्या के साधकों की. एक ऐसी ही मिसाल यहां एक ही परिवार के दो सदस्यों ने पेश की. भाई बहन की इस जोड़ी ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की राज्य सेवा परीक्षा 2021 में न सिर्फ अच्छी रैंक हासिल की है बल्कि ये दोनों डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए हैं.

एमपीपएससी ने शु्क्रवार को स्टेट सर्विसेज एग्जाम 2021 का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस परीक्षा के जरिये राज्य में डिप्टी कलेक्टर, DSP, डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार, जॉइंट डायरेक्टर (स्कूल ऑफ एजुकेशन), नायब तहसीलदार जैसे कुल 290 पदों पर नियुक्ति की जाएगी. फिलहाल, आयोग ने 243 पदों पर नियुक्ति के लिए रिजल्ट जारी किया है. इनमें उज्जैन से भाई-बहन भी शामिल हैं.

इंजीनियरिंग के बाद एक साथ क्रैक किया MPPSC PCS एग्जाम

एमपीपीएससी पीसीएस परीक्षा में अर्जुन सिंह ठाकुर की 21वीं और राजनंदनी सिंह ठाकुर की 14वीं रैंक आई है. दोनों ने उज्जैन के क्रिस्ट ज्योति स्कूल में प्रारंभिक पढ़ाई की है. यहां से 12वीं की पढ़ाई करने के बाद भोपाल से इंजीनियरिंग भी की है. इनके पिता डॉ. वायएस ठाकुर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं.

स्टेट बास्केटबॉल प्लेयर और नायब तहसीलदार हैं राजनंदनी

राजनंदनी का साल 2020 में नायब तहसीलदार के पद पर चयन हो गया था, वर्तमान में वे सीहोर में पदस्थ हैं. बास्केटबॉल की स्टेट प्लेयर रह चुकी राजनंदनी ने बताया कि नौकरी में रहते हुए उन्होंने पढ़ाई के लिए समय निकाला. उनका मामना है कि अगर कुछ बनना है, तो समय न या न हो, पढ़ाई में खुद को झोंकना ही होगा, तभी लक्ष्य हासिल हो पाएगा. नौकरी में रहने के बावजूद उन्होंने आगे की तैयारी के लिए समय निकाला और आज डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुईं.

नौकरी छोड़कर की तैयारी, अब डिप्टी कलेक्टर बनेंगे अर्जुन

वहीं इंजीनियरिंग के बाद अर्जुन की टीसीएस में नौकरी लग गई थी, लेकिन उन्होंने ज्वॉइन नहीं किया. उनका लक्ष्य पीसीएस परीक्षा पास करके बड़ा अफसर बनना था. इसलिए उन्होंने लगातार तैयारी जारी रखी और आज उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है.

अर्जुन ने बताया अपना स्टडी प्लान

अर्जुन सिंह भी बताते हैं कि रोजाना आठ से दस घंटे की पढ़ाई, सोशल मीडिया में सिर्फ खबरें और कंटेंट देखने के लिए उन्होंने मोबाइल का इस्तेमाल किया. वे साल 2018 से लगातार अपना बेस्ट देने के लिए मेहनत करते रहे हैं. जिसका परिणाम उन्हें आज मिल ही गया. दोनों भाई-बहन ने साथ में एमपीपीएससी की तैयारी की और सफलता भी हासिल की. बहरहाल ये सफलता उन बच्चों के लिए भी बड़ी सीख है, जो छोटी-सी नाकामी पर हतोत्साहित हो जाते हैं. डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित होने के बाद ठाकुर परिवार में खुशी का माहौल है.

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