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अब जहाज भी बनाएंगे गौतम अदाणी! दुनिया को 30 साल में चाहिए 50,000 से अधिक कमर्शियल शिप

देश के दूसरे सबसे अमीर इंसान और अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी की कंपनी अदाणी पोर्ट मौजूदा समय में देश की सबसे बड़ी पोर्ट मैनेजमेंट कंपनी है. यही कंपनी भारत के सबसे बड़े निजी पोर्ट मुंद्रा पोर्ट को भी संभालती है. लेकिन अब गौतम अदाणी ने इससे आगे बढ़कर देश में ही पानी के बड़े-बड़े जहाज बनाने का बड़ा प्लान बनाया है.

अदाणी ग्रुप ने अपने मुंद्रा पोर्ट पर ही जहाज बनाने की दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है. इसकी वजह ये है कि चीन, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों में अब 2028 तक नए जहाज नहीं बन सकते हैं, क्योंकि 2028 तक के लिए यहां के बड़े शिपयार्ड पूरी तरह बुक हो चुके हैं. ऐसे में जहाजी बेडे़ रखने वाली ग्लोबल कंपनियां नए जहाज बनाने के लिए भारत समेत अन्य मैन्यूफैक्चरिंग साइट पर फोकर कर रही हैं.

मौजूदा समय में भारत जहाज बनाने के मामले में दुनिया का 20वां सबसे बड़ा देश है. दुनिया के कमर्शियल शिपबिल्डिंग मार्केट में भारत की हिस्सेदारी बस 0.05 प्रतिशत है. जबकि सरकार ने अपने ‘मैरीटाइम इंडिया विजन 2030’ में भारत को इस मामले में टॉप-10 में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. वहीं ‘विकसित भारत 2047’ के ‘मैरीटाइम अमृत काल विजन’ में ये लक्ष्य टॉप-5 रखा गया है. ऐसे में गौतम अदाणी का ये कदम सरकार के इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अहम भूमिका अदा करेगा.

अगर गौतम अदाणी के जहाज बनाने के प्लान पर नजर दौड़ाएं तो इस पर वह पहले से काम कर रहे थे, लेकिन मुंद्रा पोर्ट की 45,000 करोड़ रुपए की विस्तार योजना के चलते ये अटक गया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल में मुंद्रा पोर्ट को एक्सपेंशन के लिए पर्यावरण और अन्य तटीय रेग्युलेशन से जुड़ी मंजूरिया मिल चुकी हैं. ऐसे में अब वह इस प्लान पर आगे बढ़ सकता है. हालांकि इस पर अभी अदाणी ग्रुप की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.

अदाणी ग्रुप के शिप बिल्डिंग बिजनेस शुरू करने की खबर ऐसे समय आई है, जब पूरी दुनिया कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए अब ग्रीन जहाज की ओर मूव कर रही है. इससे दुनियाभर में जहाजी बेड़े को बदला जाना है और पूरी दुनिया के जहाजों को बदलने के लिए अगले 30 साल में करीब 50,000 पानी के जहाजों की आपूर्ति करनी होगी.

भारत में अभी जहाज बनाने के लिए सरकार के 8 और निजी के करीब 20 शिपयार्ड हैं. इसमें लार्सन एंड टुब्रो का चेन्नई के पास कट्टूपाली शिपयार्ड और सरकार का कोचीन शिपयार्ड शामिल है.

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