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एक तरफ बृजभूषण सिंह पर तय हुए आरोप, दूसरी तरफ महिला पहलवानों ने भी रचा इतिहास

भारतीय रेसलिंग के लिए शुक्रवार का दिन काफी अहम साबित हुआ. एक तरफ रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण मामले में आरोप तय हो गए. दिल्ली की राउज अवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण पर IPC की अलग-अलग धाराओं के साथ मुकदमा दर्ज किया. वहीं दूसरी ओर देश की महिला पहलवानों ने पांच ओलंपिक कोटा हासिल करके इतिहास रच दिया.

भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 6 महिला पहलवानों द्वारा दर्ज मामले में उनके खिलाफ ‘पर्याप्त सबूत’ देखते हुए यौन उत्पीड़न और अन्य आरोप तय करने का आदेश दिया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) प्रियंका राजपूत ने कई बार लोकसभा सांसद रहे सिंह के खिलाफ IPC की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया.

शुक्रवार को ही इस्तांबुल में हुए वर्ल्ड ओलंपिक क्वालिफायर में भारत की निशा दहिया ने देश के लिए कोटा हासिल किया. निशा 68 किग्रा सेमीफाइनल में रोमानिया की एलेक्सांद्रा अनघेल को हराने के बाद पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली 5वीं भारतीय महिला पहलवान बन गईं. निशा से पहले अंतिम पंघाल (53 किग्रा), विनेश फोगाट (50 किग्रा), अंशु मलिक (57 किग्रा) और रीतिका हुड्डा (76 किग्रा) देश के लिए ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी हैं.

भारत की ओर से अब तक कभी भी पांच महिला पहलवानों ने देश का प्रतिनिधित्व नहीं किया है. टोक्यो ओलंपिक में चार महिला पहलवानों ने देश का प्रतिनिधित्व किया है. बीते एक साल से रेसलिंग फेडरेशन में चल रही उथल-पुथल के बीच इसे महिला पहलवानों की बड़ी जीत माना जा रहा है. बीते साल कई महिला पहलवान बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठी थी.

वहीं पुरुष वर्ग में भारत को अब तक एक भी कोटा नहीं मिला है. न ही अब तक कोई ग्रीको रोमन कैटेगरी में कोटा हासिल कर पाया है. भारत को पिछले ओलंपिक में दो मेडल हासिल हुए थे. बजरंग पूनिया ने ब्रॉन्ज और रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता था. हालांकि इस बार यह दोनों ही खिलाड़ी क्वालिफायर्स के लिए हुए ट्रायल्स भी नहीं जीत पाए.

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