कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर केंद्र पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मौजूदा संविधान के तहत ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की नीति कतई संभव नहीं है. इसके लिए एक दो नहीं बल्कि कम से कम पांच संवैधानिक संशोधनों की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास लोकसभा या राज्यसभा में इन संवैधानिक संशोधनों को पेश करने के लिए पर्याप्त संख्या भी नहीं है.
पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के पर अपने संबोधन में पीएम ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की जोरदार वकालत की थी और कहा था कि बार-बार चुनाव देश के आगे बढ़ने में बाधा बन रहा है. इसके बाद से राजनीतिक गलियरों में ये चर्चा थी कि सरकार जल्द ही इसपर कोई फैसला ले सकती है. इन दिनों भी चर्चा है कि सरकार संसद में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर विधेयक लाने की तैयारी कर रही है.
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के खिलाफ है इंडिया गठबंधन
इसी बीच सोमवार को चिदंबरम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मौजूदा संविधान के तहत ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ संभव नहीं है. इसके लिए कम से कम पांच संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता है. मोदी के पास लोकसभा या राज्यसभा में इन संवैधानिक संशोधनों को पेश करने के लिए बहुमत भी नहीं है’. उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए संवैधानिक बाधाएं और भी बड़ी हैं. ये संभव नहीं है. इंडिया गठबंधन पूरी तरह से इसके खिलाफ है.
पीएम के शाही परिवार वाले बयान का दिया जवाब
15 सितंबर को कुरुक्षेत्र में एक रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि उसका शाही परिवार दलितों के लिए आरक्षण खत्म करना चाहता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक वह सत्ता में हैं, वह अंबेडकर के दिए गए आरक्षण का एक अंश भी लूटने या खत्म नहीं होने देंगे.
इस पर चिदंबरम ने आरोप को खारिज कर दिया. साथ ही कहा कि उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा, ‘हमें आरक्षण क्यों खत्म करना चाहिए? हम ही कह रहे हैं कि 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा को खत्म किया जाना चाहिए. हम ही जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं. हम कह रहे हैं कि आरक्षण जनसंख्या के हिसाब से होना चाहिए.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की हर बात पर विश्वास न करें.
हरियाणा में सीएम फेस को लेकर कही ये बात
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा पर उन्होंने कहा कि आम तौर पर कांग्रेस चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करती है. उन्होंने कहा, ‘प्रथा यह है कि चुनाव होते हैं, विधायक इकट्ठा होते हैं और उनकी पसंद पूछी जाती है. फिर हाईकमान घोषणा करता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा. मुझे लगता है कि हरियाणा में भी यही प्रथा अपनाई जाएगी. इस दौरान उन्होंने लोगों से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने की अपील की और वादा किया कि उनकी पार्टी हरियाणा की विकास दर को वापस लाएगी और उद्योग को बढ़ावा देगी साथ ही बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों से निपटेगी.’