जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनावी तैयारियों के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने भाजपा पर देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश करने का आरोप लगा. फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को समय की मांग बताया.
जब उनसे केंद्र के दावों के बारे में पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति वापस आ गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘सड़कों पर हथियारों से लैस किसी सैनिक के बिना शांति होनी चाहिए.’
‘जाकर सड़कों पर देखिए…’
उन्होंने कहा, ‘यहां कितने सैनिक हैं? कितनी सेना है? जाइए और सड़कों पर देखिए कि वे कितनी अच्छी तरह हथियारों से लैस हैं. क्या यह शांति है? सैनिकों के बिना शांति होनी चाहिए.’
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले फारूक अब्दुल्ला ने पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की वकालत की. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘मुझे पूर्ण राज्य का दर्जा चाहिए. तुरंत. हमें दिल्ली के अधीन क्यों रहना चाहिए? वह कुछ भी आदेश दे सकते हैं. वह कुछ भी बदल सकते हैं.’
‘कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन मजबूरी नहीं’
जम्मू-कश्मीर पूर्व मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या कांग्रेस के साथ गठबंधन से विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने में मदद मिलेगी. अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन कोई मजबूरी नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के विकास और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय की जरूरत है.
‘केंद्र ने हमारा आकार छोटा कर दिया’
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमारा आकार छोटा कर दिया है. जब से भारत आजाद हुआ है, मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के अलावा किसी अन्य राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया हो.’
उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे कह रहे थे कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के लिए अनुच्छेद 370 जिम्मेदार है. क्या उन्होंने आतंकवाद को कंट्रोल कर लिया है? राज्य पर उनके पूर्ण नियंत्रण के अब तक पांच साल हो गए हैं.’
‘देश को धार्मिक आधार बांट रही भाजपा’
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘भाजपा देश को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे समस्या उन चीजों को लेकर है जो वे अब कर रहे हैं. जिस तरह से वे लोगों को धार्मिक आधार पर अलग करने की कोशिश कर रहे हैं.’
आगामी विधानसभा चुनावों में दो सीटों से चुनाव लड़ने के उमर अब्दुल्ला के फैसले पर उन्होंने कहा, ‘हालात को बदलने के लिए हमें चुनावों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए. यह एक तूफान में होने जैसा है. आप किनारे पर रहकर नाव नहीं चला सकते, आपको नाव पर रहना होगा और तूफान में उसे चलाना होगा.’