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धान की MSP बढ़ाकर ₹2300/क्विंटल हुई, ₹76,200 करोड़ की लागत वाले वधावन पोर्ट को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट में बड़े फैसले हुए हैं. इस बीच अहम फसलों की MSP में वृद्धि की गई है. साथ ही महाराष्ट्र के दहानू में 76,200 करोड़ रुपये की लागत से नए डीप ड्राफ्ट पोर्ट को मंजूरी दी गई है.

इसके अलावा ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स, वाराणसी में एयरपोर्ट के डेवलपमेंट और फॉरेंसिक साइसेंज ट्रेनिंग से जुड़े फैसले भी लिए गए हैं.

इसके अलावा ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स, वाराणसी में एयरपोर्ट के डेवलपमेंट और फॉरेंसिक साइसेंज ट्रेनिंग से जुड़े फैसले भी लिए गए हैं.

पहली कैबिनेट मीटिंग में खरीफ की 14 फसलों की MSP बढ़ाई गई है. इस बढ़त के लिए फसलों की लागत के डेढ़ गुना MSP का फॉर्मूला अपनाया गया. इसके तहत धान की फसल की MSP बढ़ाकर 2300 रुपये क्विंटल कर दी गई है.

14 फसलों का नया MSP (प्रति क्विंटल)

धान- 2,300 रुपये

कॉटन- 7,127 रुपये

कॉटन 2- 7,521 रुपये

ज्वार- 3,371 रुपये

रागी- 2,490 रुपये

बाजरा- 2,625 रुपये

मक्का- 2,225 रुपये

मूंग- 8,682 रुपये

तुअर- 7,550 रुपये

उड़द- 7,400 रुपये

मूंगफली- 6,783 रुपये

सूरजमुखी- 7,280 रुपये

सोयाबीन- 4,892 रुपये

तिल- 9,267 रुपये

महाराष्ट्र के दहानू में वधावन पोर्ट के डेवलपमेंट को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. ये ग्रीनफील्ड डीपड्राफ्ट पोर्ट होगा. इसकी लागत करीब 76,200 करोड़ रुपये होगी.

खास बात ये है कि ये पोर्ट बनने के बाद दुनिया के 10 सबसे बड़े पोर्ट्स में शामिल होगा. इससे करीब 12 लाख रोजगार पैदा होंगे.

1,000 MW के ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. 7,453 करोड़ रुपये के निवेश से ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट लगाया जाएगा. ये सारे प्रोजेक्ट्स गुजरात और तमिलनाडु में लगेंगे. वैष्णव ने बताया कि भारत में इस क्षेत्र में करीब 70,000 MW की क्षमता है.

वाराणसी में डेवलप होगा पोर्ट, फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी की स्थापना

• पहली कैबिनेट बैठक में वाराणसी को तोहफा. लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट को डेवलप करने को मिली मंजूरी

• कैबिनेट ने नेशनल फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर इन्हैंसमेंट स्कीम (N.F.l.E.S.) को मंजूरी दी. कैंपस, लैब्स और इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर खर्च होंगे 2254.43 करोड़ रुपये.

• नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के कैंपसेज की स्थापना की जाएगी. 9000 छात्रों को फॉरेंसिक साइंसेज में प्रशिक्षित किया जाएगा.

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