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भोपाल के इतिहास को 3D में दिखाने की तैयारी: 15 ऐतिहासिक इमारतों की बदलेगी तस्वीर, देखकर सैलानी होंगे आकर्षित

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के इतिहास को अब थ्री डी स्वरूप में दिखाया जाएगा। इसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी यानी (AI) के जरिए तैयार किया जा रहा है। पर्यटन स्थलों, स्मारकों और धरोहरों का थ्री डी स्वरूप देखकर सैलानी आकर्षित होंगे। भोपाल की 15 ऐतिहासिक इमारतों और उनसे जुड़ी कलाकृतियों, पांडुलिपियों आदि को संरक्षित करने के लिए जून तक एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा। पर्यटकों को इससे घूमने में आसानी होगी। राजधानी और भोपाल के आसपास के स्मारकों के साथ धरोहरों के संरक्षण के लिए और पर्यटकों को उनके प्रति आकर्षित करने के लिए इन्हें थ्री डी स्वरूप में परिवर्तित किया जाएगा।

 

कलाकृतियों का डिजिटलाइजेशन

योजना के तहत कलाकृतियों, पुरावशेष, कला वस्तुओं की थ्री डी स्कैनिंग होगी। डिजिटल दस्तावेज़ीकरण के साथ डिजिटल संरक्षण होगा। साथ ही फोसिल, एक्सकेवेटेड मटेरियल, मेटल इमेज, इंसक्रिप्शन, मूर्तियां, रॉयल कलेक्शन, टेक्सटाइज, फ्रीडम मूवमेंट, पोस्टल स्टांप, ऑटोग्राफ्स, मेनूस्क्रिप्ट, पेंटिंग्स, कॉइन्स, विपन, डॉक्यूमेंट्स, म्यूजिशियन इंस्ट्रूमेंट को भी थ्री डी कन्वर्ट किया जाएगा।

 

ये स्थल होंगे थ्री डी पर

लक्ष्मीनारायण मंदिर

मोती मस्जिद

ताज उल मस्जिद

शौकत महल

सदर मंजिल

गौहर महल

पुरातात्विक संग्रहालय

भारत भवन

इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय

भीमबेठका

भोजपुर

स्टेट म्यूजियम

गोलघर

इन स्थलों पर भी काम

गुजरी महल म्यूजियम ग्वालियर, सेंट्रल म्यूजियम इंदौर, रानी दुर्गावती म्यूजियम जबलपुर, महाराजा छत्रसाल म्यूजियम, त्रिवेणी म्यूजियम उज्जैन और तुलसी म्यूजियम रामवन। बता दें कि देशभर में अब तक 20 स्मारकों का डिजिटल निर्माण कर दिल्ली में रखा गया है। ताज महल, बनारस के घाट, बुद्धा सर्किट आदि की हूबहू तस्वीरें कहीं से भी देखी जा सकती हैं।

 

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