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Repo Rate: चुनाव के बाद भी EMI में कोई राहत नहीं… आरबीआई का ऐलान, रेपो रेट में No Change

भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक (EBI MPC Results) के नतीजे सामने आ गए हैं और इस बार भी रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी ये 6.50 फीसदी पर यथावत रखा गया है. इससे पहले इस वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली MPC Meeting में भी पॉलिसी रेट स्थिर रखे गए थे. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मुंबई में शुरू हुई बैठक के नतीजों का ऐलान किया. रेपो रेट स्थिर रहने से आपके लोन की ईएमआई में भी कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने GDP Growth के अनुमान को बढ़ा दिया है. इसे 7 फीसदी से 20 बेसिस पॉइंट बढ़ाते हुए 7.20 फीसदी कर दिया गया है.

फरवरी 2023 से रेपो रेट स्थिर

आरबीआी गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक, एमपीसी के छह में से 4 सदस्य रेपो रेट में किसी भी बदलाव के पक्ष में नहीं दिखे. नए वित्तीय वर्ष की ये दूसरी MPC Meeting है और फिलहाल रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर है. रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेटो रेट बदला था और इसे 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था. इसके बाद से इसे चेंज नहीं किया गया है.

शुक्रवार को नतीजों का ऐलान करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मई की एमपीसी बैठक में चर्चा के बाद रेपो रेट 6.50% पर बरकरार रखने के साथ ही रिवर्स रेपो रेट 3.35%, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट 6.25%, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट 6.75% और बैंक रेट 6.75% पर रखा गया है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 (Lok Sabha Election Result) के बाद यह आरबीआई मौद्रिक नीति समिति की पहली बैठक थी.

महंगाई दर का अनुमान भी जस का तस

केंद्रीय बैंक के मुताबिक, खुदरा महंगाई (Retail Inflation) में कमी देखने को मिल रही है. हालांकि, खाद्य चीजों की महंगाई की वजह से थोक महंगाई दर की गिरावट सुस्त हुई है. ऐसे में रिजर्व बैंक ने महंगाई दर के अनुमान को 4.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक महंगाई दर को 4 फीसदी के लक्ष्य के अनुरूप लाने के लिए प्रतिबद्ध है.

Repo Rate का EMI पर असर

RBI की MPC की बैठक हर दो महीने में होती है और इसमें शामिल रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास समेत छह सदस्य महंगाई समेत अन्य मुद्दों और बदलावों (Rule Changes) पर चर्चा करते हैं. यहां बता दें कि रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है. दरअसल, रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.

महंगाई के आंकड़ों पर एक नजर

मई महीने की र‍िटेल महंगाई दर (May Inflation Rate) के आंकड़े इस महीने के आखिरी में जारी किए जाएंगे. SBI रिसर्च के मुताबिक, अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक महंगाई दर 5 फीसदी से नीचे रहने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे पहले अप्रैल महीने में थोक महंगाई बढ़कर 1.26% हो गई है, जो इसका 13 महीने का हाई लेवल है. इसके अलावा अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.83 फीसदी रही थी.

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