Asli Awaz

वरिष्ठ गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता शोभना रानाडे का निधन

पुणे : वरिष्ठ गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता शोभना रानाडे रविवार को 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया. रानाडे को उनके सामाजिक कार्यों के लिए 2011 में केंद्र सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. शोभना रानाडे का जन्म 26 अक्टूबर 1924 को पुणे में हुआ था.

वरिष्ठ गांधीवादी नेता और गांधी राष्ट्रीय स्मारक, आगा खान पैलेस की ट्रस्टी सचिव पद्म भूषण शोभना रानाडे का रविवार 4 अगस्त को सुबह 6 बजे उनके निवास पर निधन हो गया.उनके परिवार में दो बेटियां और पोते-पोतियां हैं. विनोबा जी की समर्पित शिष्या होने के कारण उन्होंने जीवन भर खादी ग्रामोद्योग, नशामुक्ति, महिला सशक्तिकरण, भूमि दान, ग्राम दान, पर्यावरण, बाल विकास और शिक्षा जैसे विभिन्न कार्य किए.

शोभना रानाडे की सेवा का केंद्र निराश्रित महिलाएं और अनाथ बच्चे थे. रविवार शाम को वैकुंठ श्मशान घाट पर उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया. इस अवसर पर बजाज उद्योग समूह के संजीव बजाज, पूर्व विधायक मोहन जोशी, उल्हास पवार, अभय छाजेड, जनसेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. विनोद शाह, गांधी राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्टी प्रदीप मुणोत, महाराष्ट्र गांधी स्मारक निधि ट्रस्टी अभय छाजेड, अनवर छाजेड सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे.

रानाडे को उनके सामाजिक कार्यों के लिए 2011 में केंद्र सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. 26 अक्टूबर को उनका 100वां जन्मदिन पूरा होता. शोभना रानाडे का जन्म 26 अक्टूबर 1924 को रत्नागिरी में हुआ था. 1940 में 16 वर्ष की आयु में उनका विवाह पुणे के सीताराम रानाडे से हुआ. महात्मा गांधी के आगमन से वे प्रेरित थीं. इसके बाद वे विनोबा की शिष्या बन गईं. जीवनभर उन्होंने गांधीवादी विचारों के साथ काम किया. 1955 से 1972 के बीच उन्होंने असम में विभिन्न प्रकार के रचनात्मक कार्य किए. महाराष्ट्र लौटने पर उन्होंने 15 अगस्त 1974 को आचार्य विनोबा भावे की जन्मस्थली गागोडे बुद्रुक में अनाथ, बेसहारा बच्चों के लिए पहला बाल सदन शुरू किया. उन्होंने पुणे के आगा खान पैलेस में गांधी राष्ट्रीय स्मारक सोसायटी के ट्रस्टी सचिव के रूप में कार्यभार संभाला.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

CAPTCHA