छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नया कानून बनाया है। अब बोर्ड परीक्षार्थियों को वर्ष दो बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इससे उन छात्रों को लाभ होगा जो परीक्षा में अनुत्तीर्ण है, पूरक है, या श्रेणी सुधार करना चाहते है। अभी तक सिर्फ पूरक छात्रों को ही दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलता था। इससे फेल छात्रों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। वे अच्छी तैयारी कर दोबारा बोर्ड परीक्षा दे पाएंगे। इससे एक वर्ष खराब नहीं होगा।
माशिमं ने साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए कुछ दिन पहले नोटिफिकेशन जारी करके नौ जून तक दावा आपत्ति मंगाई थी। जहां इस तारीख तक एक भी दावा आपत्ति नहीं आई है। बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षाएं लेने का प्रविधान है। माध्यमिक शिक्षा मंडल इसी वर्ष से दो बार बोर्ड परीक्षाएं लेने जा रहा है। इससे छात्रों को लाभ मिलेगा। वहीं अभी देश में किसी भी राज्य में दो बार बोर्ड परीक्षाओं का नियम लागू नहीं है। सीबीएसई अगले शिक्षा सत्र से दो बार परीक्षाएं लागू करने की घोषणा कर चुका है।
माशिमं के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षा सत्र में दो बार परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। जारी आदेश के मुताबिक पहली परीक्षा मार्च और दूसरी परीक्षा जून-जुलाई में आयोजित की जाएगी। पहली परीक्षा के लिए पंजीकृत परीक्षार्थी ही दूसरी परीक्षा के लिए पात्र होंगे। वहीं विषय परिवर्तन मान्य नहीं होगा। पहली परीक्षा के बाद दूसरी परीक्षा के लिए पुन: आवेदन भरना होगा। दूसरी परीक्षा में पूरक, अनुत्तीर्ण, श्रेणी सुधार वाले सभी परीक्षार्थी आवेदन कर सकते हैं। दूसरी परीक्षा का परिणाम दोनों परीक्षाओं में से विषयवार अधिक प्राप्तांक के आधार पर किया जाएगा। इस व्यवस्था से 10वीं और 12वीं के परीक्षार्थियों को फायदा मिलेगा।
पिछले माह जारी 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के पूरक परीक्षा के लिए आवेदन जल्द मंगाने की तैयारी माशिमं ने कर ली है। आवेदन 15 जून के बाद मंगाया जा सकता है। वहीं इस बार 10वीं में पूरक 19,012 परीक्षार्थी को मिली है। वहीं 63,910 अनुत्तीर्ण है। इसी तरह 12वीं में पूरक परीक्षा के पात्र 22,232 परीक्षार्थी है। अनुत्तीर्ण की संख्या 27,554 है।