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बॉर्नविटा जैसे पदार्थ हेल्थ ड्रिंक्स नहीं, सरकार ने इन्हें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर इस कैटैगरी से हटाने को कहा

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइट और प्लेटफॉर्म से बोर्नविटा सहित सभी पेय पदार्थों को ‘हेल्थ ड्रिंक’ की कैटेगरी से हटा दें.

मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक लीगल बॉडी की जांच में पाया कि ‘हेल्थ पेय डेफिनेशन नहीं है.

इससे पहले 2 अप्रैल को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा था कि वे अपनी वेबसाइट्स पर बेचे जाने वाले फूड प्रोडक्ट्स को उचित कैटेगरी में डालें. साथ ही अथॉरिटी ने किसी भी पेय पदार्थ की बिक्री बढ़ाने के लिए हेल्थ ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक जैसे शब्दों का दुरुपयोग नहीं करने के लिए भी कहा था.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने पिछले साल बोर्नविटा बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज इंटरनेशनल इंडिया लिमिटेड को नोटिस भेजा था. उसमें कहा गया था कि इस प्रोडक्ट में काफी मात्रा में शुगर होने की शिकायत है. कुछ ऐसे तत्व भी हैं जो बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं. लिहाजा कंपनी अपने प्रोडक्ट के सभी भ्रामक विज्ञापनों, पैकेजिंग और लेबल की समीक्षा करे और उन्हें वापस लें.

मीडिया रिपोर्ट में एक मार्केट स्टडी के अनुसार बताया है कि इंडियन एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक का वर्तमान में मार्केट साइज 4.7 बिलियन डॉलर है, जो 2028 तक 5.71% की CAGR ग्रोथ के साथ से बढ़ने की उम्मीद है.

*क्या चॉकलेट पाउडर डालकर दूध बच्चों को पिलाना हेल्दी है?*

बॉर्नविटा सहित अन्य पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक्स की कैटेगिरी से हटाने के बाद एक सवाल जो लोगों के मन में है कि क्या चॉकलेट पाउडर डालकर दूध बच्चों को पिलाना हेल्दी है. क्या बच्चों को वाकई इसकी जरूरत होती है, ज्यादा देने से कोई बीमारी तो नहीं होती.

एक्सपर्ट के अनुसार, चॉकलेट पाउडर के नुकसान पर कोई खास रिसर्च नहीं हुई. अगर यह पाउडर अच्छी कंपनी ने बनाई है तो उससे ज्यादा नुकसान नहीं है.

बड़ी कंपनियां इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशन को ध्यान में रखकर ही इसे बनाती हैं.

हालांकि पेरेंट्स को चॉकलेट पाउडर बच्चों को देते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे- इसे खरीदते वक्त पेरेंट्स को इनके डिब्बे या पैकेट के पीछे लिखे इंग्रेडिएंट्स को ध्यान से पढ़ना चाहिए.

बच्चे को एक दिन में कितने बार और किस मात्रा में चॉकलेट पाउडर देना इसकी भी लिमिट तय करनी चाहिए.

ऐसा नहीं कि आप कटोरी में बच्चे को चॉकलेट पाउडर खाने को पहले दे दें. फिर उन्हें दिनभर में दो-तीन बार दूध पीने को दें.

जितनी बार दूध देंगे उसमें शक्कर डालेंगे जो नुकसान करेगी. साथ अगर आप चॉकलेट पाउडर या दूसरे आर्टिफिशियल फ्लेवर मिला रहे हैं तो उसमें भी चीनी होगी, जो अनहेल्दी है.

वैसे भी शक्कर में कार्बोहाइड्रेट होता है, यह बच्चों को नॉर्मल खाने से मिल जाता है, ऐसे में एक्स्ट्रा कार्ब लेने के लिए सप्लिमेंट की जरूरत नहीं.

ज्यादा मीठी चीज खाने-पीने का नुकसान क्या है?

*इस तरह हो सकता है नुकसान*

• हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.

• शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. डायबिटीज हो सकती है.

• अल्जाइमर का खतरा हो सकता है.

• दांत में कैविटीज की समस्या हो सकती है.

• चीनी का असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है. इससे याददाश्त पर बुरा असर पड़ता है.

• चीनी खाने से वाइट ब्लड सेल्स 50 फीसदी तक कमजोर होते हैं. इससे इम्यूनिटी वीक हो जाती है.

• नॉन अल्कोहल फैटी लिवर की समस्या हो सकती है. इससे लिवर में फैट स्टोर होता है.

एक्सपर्ट

डॉ.रोहित जोशी, कंसल्टेंट पीडियाट्रिक, बंसल हॉस्पिटल भोपाल

डॉ. सुधीर कुमार, न्यूरोलॉजिस्ट अपोलो हॉस्पिटल, हैदराबाद

वैशाली वर्मा, कंसल्टेंट न्यूट्रिशियन, मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारका

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