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सूरत: “कमल का फूल हमारी भूल” के पोस्टर के साथ राजपूत करणी सेना का विरोध प्रदर्शन, BJP उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला का टिकट रद्द करने की मांग

सार्वजनिक मंच से केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला के बयान ने गुजरात की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है. इसी को लेकर क्षत्रिय समाज राज्य के कोने-कोने में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला का विरोध कर रहा है. हालांकि केंद्रीय मंत्री ने एक बार वीडियो के जरिए और दूसरी बार जयराज सिंह जाडेजा की मौजूदगी में अपने बयान के लिए पूरे क्षत्रिय समाज से माफी मांगी. हालांकि, राज्य में केंद्रीय मंत्री का विरोध जारी है. इसी सिलसिले मे आज सूरत शहर में राजपूत करणी सेना मैदान में उतरा है और उन्होंने लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर केंद्रीय मंत्री परसोत्तम रुपाला का टिकट रद्द करने की मांग की है. साथ ही, हाथ में पोस्टर लेकर विरोध किया गया है.

कमल का फूल हमारी भूल” के पोस्टर के साथ सूरत में राजपूत करणी सेना ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. क्षत्रिय समुदाय के बारे में पुरूषोत्तम रूपाला की टिप्पणी ने पूरे राज्य में तहलका मचा दीया है. राजकोट से शुरू हुआ विवाद अब सूरत तक पहुंच गया है. सूरत राजपूत करणी सेना द्वारा आज कलेक्टर को विज्ञापन दिया गया. जिसमें क्षत्रिय समाज के नेताओं और करणीसेना के नगर अध्यक्ष ने जमकर नारेबाजी करते हुए पुरूषोत्तम रूपाला का टिकट रद्द करने की मांग की. जिसमें सूरत के शहर अध्यक्ष करणीसेना ने कहा कि जब तक रूपाला का टिकट नहीं काटा जाएगा, तब तक विरोध जारी रहेगा.

राजपूत करणीसेना के सूरत शहर अध्यक्ष धीरेंद्रसिंह सोलंकी ने कहा कि पुरूषोत्तम रूपाला का बयान बेहद निंदनीय है. उन्होंने जो माफी मांगी है वह सिर्फ राजनीतिक नेताओं के सामने मांगी है. उन्होंने किसी भी समुदाय के नेता से संपर्क नहीं किया या उनकी उपस्थिति में माफ़ी नहीं मांगी. जब तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा पुरूषोत्तम रूपाला का टिकट नहीं काटा जाता, तब तक यह विरोध जारी रहेगा.

करणी सेना की ओर से सूरत में जिला कलेक्टर को सौंपी गई. विज्ञापन में कहा गया है कि राजकोट से बीजेपी उम्मीदवार पुरूषोत्तम रूपाला ने क्षत्रिय समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. देश के महान योद्धाओं और प्रजावत्सल राजा के प्रति ऐसी अपमानजनक भाषा से क्षत्रिय समाज और कई देशभक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं.  पुरूषोत्तम रूपाला की बातों ने क्षत्रिय राजपूत समाज के सौहार्द को तोड़ने का काम किया. राष्ट्रीय नैतिक और वरिष्ठ नेता होने के बावजूद पुरूषोत्तम ऐसा बयान देना क्षत्रिय समाज का अपमान है. ऐसे बयान  करणी सेना की ओर से आ रहे हैं.

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