ताइपे. ताइवान ने मंगलवार को द्वीप राष्ट्र और भारत के बीच संदेशों के आदान-प्रदान पर आलोचना के लिए चीन पर हमला बोला है. ऐसा करके उसने चीन को ना सिर्फ उसकी हैसियत बताई है, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि वो उसके आगे झुकने वाला नहीं है.
ताइवान के उप-विदेश मंत्री टीएन चुंग-क्वांग ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि न तो उनके राष्ट्रपति और न ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन से डरेंगे. ताइवान के तीखे शब्द चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा पीएम मोदी और ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते के बीच उन संदेशों के आदान-प्रदान पर आपत्ति जताने के बाद आए, जिसमें लाई चिंग ने भारत में 2024 के आम चुनावों में पीएम मोदी को उनकी जीत पर बधाई दी थी.
भारत और ताइवान के बीच मजबूत संबंधों को लेकर चीन की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर, उप विदेश मंत्री ने कहा, “…मुझे लगता है कि मोदी जी और हमारे राष्ट्रपति भयभीत नहीं होंगे…” पिछले महीने चुने गए ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने 7 जून को एक ‘एक्स’ पोस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी जीत पर बधाई दी थी.
#WATCH | Taipei | "…I think Modi ji and our President will not be intimidated…," says Deputy Foreign Minister of Taiwan, Tien Chung-kwang on the Chinese Foreign Ministry raising objections on the exchange of messages between PM Modi and Taiwan President on his message on his… pic.twitter.com/GFnqD6dZ3x
— ANI (@ANI) June 18, 2024
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी चुनावी जीत पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई. हम तेजी से बढ़ती #ताइवान-#भारत साझेदारी को बढ़ाने, #इंडोपैसिफिक में शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर हैं.” संदेश का जवाब देते हुए, पीएम मोदी ने कहा था, “राष्ट्रपति लाई चिंग ते, गर्मजोशी भरे संदेश के लिए आपका धन्यवाद. मैं घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं क्योंकि हम पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक और तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हैं.”
दोनों शीर्ष नेताओं के बीच संदेशों के आदान-प्रदान के तुरंत बाद, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस ब्रीफिंग में पीएम मोदी और लाई चिंग ते के बीच बातचीत के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था, “सबसे पहले, ताइवान क्षेत्र के ‘राष्ट्रपति’ जैसी कोई चीज नहीं है.”