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शाही औकाफ को फिर नोटिस: जिस पैसे से होना थे भलाई के काम, उनको सड़क बनाने और हज पर खर्च दिखा दिया…!

भोपाल। लापरवाहियों, कोताहियों और असल मकसद की नजर अंदाजी से बदनामी की इंतहा तक जा लगे औकाफ ए शाही के खाते में मप्र वक्फ बोर्ड का एक और नोटिस जुड़ गया है। यह नोटिस पिछले नोटिसों की कड़ी का अगला हिस्सा कहा जा सकता है। लेकिन इस नोटिस में आर्थिक अनियमितताओं का नया अध्याय भी जुड़ गया है। इस तरह की अनियमितताएं औकाफ ए शाही के पूर्व से लेकर वर्तमान पदाधिकारियों को घेरे हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक मप्र वक्फ बोर्ड द्वारा औकाफ ए शाही को जारी किए गए नोटिस में वर्ष 2017 के लिए प्रस्तुत किए गए हिसाबात को लेकर है। सूत्रों का कहना है कि इन खर्चों में वाकिफ की मंशा (वक्फ करने वाले के निर्देश) के विपरीत कई खर्च जोड़े गए हैं। बताया जाता है कि इन खर्चों में एक निजी व्यक्ति को हजयात्रा पर भेजे जाने के खर्च भी दर्शाए गए हैं। जबकि इस तरह के खर्च औकाफ की रकम से नहीं किए जा सकते। अनियमितताओं की इस कड़ी में 5 लाख से ज्यादा का खर्च आरिफ नगर की एक गली में सड़क बनाए जाने का भी दर्शाया गया है। मप्र वक्फ बोर्ड ने इन सारे नियम विरुद्ध खर्चों को लेकर करीब 22 बिंदुओं पर आधारित नोटिस जारी किया है।

17 के बाद नही दिया हिसाब
औकाफ ए शाही में वर्ष 2017 के बाद कई प्रबंधन कमेटियां बदल चुकी हैं। लेकिन इनमें से किसी ने अपने कार्यकाल का हिसाब मप्र वक्फ बोर्ड को अब तक प्रस्तुत नहीं किया है। इसको लेकर बोर्ड शाही औकाफ को कई बार स्मरण और चेतावनी पत्र जारी कर चुका है।

मुतवल्ली को फुर्सत नहीं
भोपाल नवाब मंसूर अली खान पटौदी के बाद औकाफ ए शाही की बागडोर उनकी बेटी सबा सुलतान के हाथ में है। लेकिन अपनी व्यस्तता के चलते वे कभी औकाफ के कामों में रुचि नहीं लेती हैं। उन्होंने यहां के जरूरी कामों के लिए एक प्रबंधन कमेटी गठित कर दी है। मप्र वक्फ बोर्ड द्वारा पिछली बार व्यवस्थाओं में लेकर लगातार कई नोटिस जारी किए थे। जिनके जवाब देने के लिए भी सबा बोर्ड में हाजिर नहीं हुईं।

मामला शाही रूबात का
औकाफ ए शाही की पूर्व कमेटी की लापरवाही के चलते मक्का और मदीना में नवाब शासन काल में बनाई गई शाही रूबात फिसल चुकी हैं। इनको लेकर मदीना अदालत में चल रहे केस के कारण अब यहां भोपाल रियासत के हाजियों को ठहरने की सहूलियत नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते हाजियों को हजारों रुपए अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहे हैं।

इनका कहना है
औकाफ ए शाही के हिसाबात कई वर्षों से पेश नहीं किए जा रहे हैं। आखिरी बार 2017 में पेश किए गए हिसाब में कई ऑडिट आपत्तियां मिली हैं। इनको लेकर नोटिस जारी किया गया है।

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