One Nation One Election: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) अध्यक्ष एमके स्टालिन भी एक देश, एक चुनाव के विरोध वाले कतार में शामिल हो गए हैं. उन्होंने गुरुवार को केंद्र के एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव को अव्यावहारिक और ध्यान भटकाने वाली रणनीति करार दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार इसे कभी लागू नहीं कर पाएगी.
स्टालिन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘एक देश एक चुनाव एक अव्यवहारिक प्रस्ताव है जो भारत की विविधतापूर्ण चुनावी प्रणाली की जटिलताओं को नजरअंदाज करता है और संघवाद को कमजोर करता है. चुनाव चक्रों, क्षेत्रीय मुद्दों और शासन प्राथमिकताओं में भारी अंतर को देखते हुए यह तार्किक रूप से अव्यवहारिक है’
यह पूरा प्रस्ताव भाजपा के अहंकार को संतुष्ट…
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘एक देश एक चुनाव के लिए सभी पदों के अवास्तविक संरेखण की आवश्यकता होगी, जिससे शासन की स्वाभाविक प्रक्रिया बाधित होगी.’ उन्होंने कहा, ‘यह पूरा प्रस्ताव भाजपा के अहंकार को संतुष्ट करने का एक प्रयास मात्र है, लेकिन वे इसे कभी लागू नहीं कर पाएंगे.’
उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र को किसी एक पार्टी के लालच के लिए नहीं झुकाया जा सकता. केंद्र सरकार को इन ध्यान भटकाने वाली युक्तियों पर ऊर्जा बर्बाद करने के बजाय बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और राज्यों को संसाधनों के समान वितरण जैसे ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए.
वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव
एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी सार्वजनिक की थी. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी. जिसे कैबिनेट ने स्वीकार कर ली है.
सरकार की ओर से कहा गया कि वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को 47 पार्टियों में 32 का समर्थन प्राप्त है. इस प्रस्ताव के अनुसार, देश में कुल दो चरणों में ही सभी स्तर के चुनावों को संपन्न कराया जाएगा. पहले चरण में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा का नाम एक साथ कराए जाएंगे. वहीं, दूसरे चरण में पंचायत और निगम के लिए होने वाले सभी चुनावों को एक साथ कराया जाएगा