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दुश्मनों के छक्के छुड़ाएगा सेना का यह हथियार, चीन-पाक की तो खैर नहीं, जानें रोबोटिक डॉग MULE की खासियत

भारतीय सेना लंबे समय से मिलिट्री टेक्नोलॉजी में नई तकनीकों की खोज कर रही है. भारतीय सेना जल्द ही रोबोटिक डॉग म्यूल यानी मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट (MULE) को आर्मी का हिस्सा बनाने जा रही है. रोबोटिक डॉग म्यूल को निगरानी और हल्के वजन को ढोने के लिए तैनात किया जाएगा. म्यूल को चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर भी तैनात किया जा सकता है.

सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल सितंबर में इमरजेंसी खरीद के लिए 100 रोबोटिक डॉग म्यूल का ऑर्डर दिया गया था. इनमें से 25 ऐसे म्यूल्स को सेना को मिलने जा रहे हैं, जिन्हे आर्मी अपनी जरूरतों के हिसाब से इस्तेमाल करेगी. यह एक आपातकालीन खरीद थी, जिसके तहत 300 करोड़ रुपये तक के ही कॉन्ट्रैक्ट दिए जा सकते हैं.

अगर ये रोबो डॉग्स अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो सेना जल्द ही इनकी बड़ी खरीद के लिए रिक्वेस्ट ऑफर प्रपोजल जारी करेगी. सूत्रों के मुताबिक, आर्कवेंचर्स इन म्यूल्स की सप्लाई करेगी. यह कंपनी घोस्ट रोबोटिक्स के लाइसेंस के तहत इन रोबो डॉग्स का निर्माण करेगी.

शक्ति अभ्यास में रोबोटिक डॉग ने लिया था हिस्सा

पिछले साल जम्मू में हुए नॉर्थ टेक सिंपोसियम 2023 में भारतीय सेना के लिए खासतौर पर बनाए गए रोबोटिक डॉग की काफी चर्चा हुई थी, जिसे युद्ध और निगरानी अभियानों के लिए डिजाइन किया गया था. वहीं, पोखरण में हुए भारत शक्ति युद्धाभ्यास में इस रोबोटिक डॉग ने हिस्सा लिया था. यह म्यूल न केवल बर्फ, पहाड़ों और रेगिस्तान में चल सकता है, बल्कि उन संकरी और अंधेरी जगहों में भी जा सकता है, जहां आतंकवादी या दुश्मन छिपे हो सकते हैं.

जानें क्या है रोबोटिक डॉग Mules की खासियत?

  • यह आतंकियों के साथ ‘फर्स्ट कॉन्टैक्ट’ में बेहद काम आ सकता है.
  • दुश्मन कहां छिपा बैठा है, उसकी सटीक लोकेशन, उन्हें दिन और अंधेरे में ढूंढने का काम म्यूल अपने 360 डिग्री कैमरों की मदद से कर सकता है.
  • यह लोकेशन का पता लगा कर, फायरिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके दुश्मन को मार गिराया जा सकता है..
  • इन रोबोट डॉग्स में निगरानी के लिए थर्मल कैमरे और अन्य सेंसर लगे हैं.
  • यह छोटे हथियार भी लैस है. इसके अलावा इनका इस्तेमाल सीमा पर तैनात जवानों तक छोटे-मोटे सामान ले जाने के लिए भी किया जा सकता है.
  • थर्मल कैमरों और रडार से लैस यह म्यूल ऊबड़-खाबड़ जमीन, 18 सेमी ऊंची सीढ़ियों और 45 डिग्री वाले पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से चढ़ सकता है..
  • इस रोबो म्यूल डॉग की चार टांगें हैं और इसका वजन करीब 51 किलो और लंबाई 27 इंच के आसपास है.
  • यह 3.15 घंटों तक लगातार चल सकता है. मात्र एक घंटे में रिचार्ज हो कर यह लगातार दस घंटे तक काम कर सकता है..
  • इसकी पेलोड क्षमता 10 किलोग्राम है, थर्मल कैमरे और रडार जैसे कई उपकरण इसमें लगाए जा सकते हैं.
  • इसे वाई-फाई या लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन यानी एलटीई पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • छोटी दूरी के लिए, वाई-फाई का उपयोग किया जा सकता है, जबकि 4जी/एलटीई का उपयोग 10 किमी तक की दूरी के लिए किया जा सकता है.

 

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