वाराणसी: बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के किसानों पर दिए विवादित बयान पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने जमकर निशाना साधा है. अजय राय ने कंगना को नशेड़ी बताते हुए कहा कि, यह हमेशा से नशे में रहती है और नशे में ही वह किसानों को गाली भी देती है. दरअसल कंगना रनौत ने बयान दिया था कि, किसान आंदोलन के दौरान महिलाओं के साथ दुष्कर्म और उनकी हत्या की गई, कंगना रनौत के इस बयान ने पूरे देश के राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है. बीजेपी ने जहां बयान से किनारा कर लिया तो, वहीं विपक्ष लगातार कंगना के इस बयान पर हमलावर है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष ने बांग्लादेश में हो रहे हैं हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर केंद्र सरकार से तीखे सवाल भी पूछे और राफेल को बांग्लादेश की तरफ घूमने की मांग भी की.
बता दें कि, मंगलवार को अजय राय ने मीडिया से बातचीत में कंगना रनौत को नशेड़ी करार दिया. उन्होंने कहा कि, क्या उनका कोई स्पेशल कैमरा वहां लगा था. यह बयान उन्होंने तब दिया जब वह सांसद हैं. वह सत्ताधारी पार्टी की महिला सांसद है और महिलाओं को लेकर इस तरीके का बयान देना बताता है कि वह नशे में रहती हैं. पार्टी व्यक्तिगत बयान कहकर अपना पीछा छुड़ा रही है. मेरी मांग है कि पार्टी उन्हें तत्काल प्रभाव से निष्कासित करें.
वहीं अजय राय बांग्लादेश को लेकर भी आक्रोशित नजर आए. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के विरोध में बीते दिन बनारस में निकाले गए हिंदू आक्रोश रैली का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि, मैं बनारस में नहीं था बांग्लादेश के नाम पर भाजपा आरएसएस के लोगों ने यात्रा निकाल कर सड़कों पर अराजकता फैलाई. मैं प्रधानमंत्री और काशी के सांसद से यह पूछता हूं कि, केंद्र सरकार ने राफेल खरीदा है और दावा करती है कि चीन और पाकिस्तान इससे डरेगा. ऐसे में जब पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं पर इस तरीके से अत्याचार हो रहा है, तो मेरी मांग है कि राफेल का मुंह बांग्लादेश की तरफ घुमाया जाए. इसके साथ ही सरकार को यह भी बताना पड़ेगा कि यह जो हिंदुत्व का नारा देते हैं. ऐसे में बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हुआ कितने बांग्लादेशी हिंदुओं को भारत ने शरण दिया और कितने शरणार्थी शिविर बनाए गए.
अजय राय ने बीएचयू में बंद हुए गंगा शोध संस्थान पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि, गंगा के ऊपर शोध करने की व्यवस्था जो बीएचयू में थी उसे गंगा पुत्र मोदी जी के रहते बंद कर दिया गया. यह समझ के परे है. यहां पर गंगा सफाई के लिए शोध हो रहे थे, कार्य किए जा रहे थे. उसे बिना किसी कारण बताए शोध बंद कर देना, यह बताता है कि सरकार गंगा सफाई और स्वच्छता को लेकर के कितना सीरियस हैं.