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UP News: अलीगढ़ शुगर मील में बंदरों का आतंक, महीने भर में खा गए 11 क्विंटल चीनी, अब अफसर भरेंगे इसका हर्जाना

लखनऊ: अलीगढ़ में मौजूद साथा चीनी मिल की वर्ष 1975 में स्थापना की गई थी. इस चीनी मिल के अलीगढ़ में लगने से आसपास के गन्ने की खेती करने वाले किसानों ने राहत की सांस ली थी. हालांकि इस चीनी मिल के बीच मे कई बार बंद होने और गन्ना किसानों के भुगतान न होने पर किसानों ने प्रदर्शन भी किए, लेकिन अब ये मील लगातार किसानों को नई उम्मीद देता हुआ नजर आ रहा था. लेकिन इसी बीच एक ऐसी घटना सामने आई जिसको सुनने के बाद हर कोई हैरत में रह गया. आरोप भी ऐसे जिसे सुनने के बाद इंसान तो इंसान बेजुबान भी हैरत में पड़ जायेगा. मामला जब उजागर हुआ तो अधिकारी भी संशय में पड़ गए और लगे आरोपों को सर से खारिज करते हुए विभागीय अधिकारियों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया.

दरअसल 30 दिन में करीब 35 लाख रुपये की कीमत की 1100 क्विंटल चीनी को बंदरों द्वारा खाने का आरोप लगा है. इन आरोपों को लगने के बाद जांच करने आई टीम ने खारिज कर दिया है. वहीं चीनी मिल के जिम्मेदारों का दावा है कि यहां मिल पर बंदरों का अच्छा खासा आतंक रहता है. यही कारण है कि भारी मात्रा में आये बंदरों की तरफ से एक महीने तक चीनी मिल में तांडव करते हुए करीब 35 लाख रुपये की कीमत की 1100 क्विटल की चीनी को चट कर लिया है, लेकिन सवाल ये उठता है कि इतनी तादाद में चीनी मिल में आकर बंदरों की तरफ से इतनी चीनी को खत्म कर दिया जाता है और विभाग हाथ पर हाथ रखकर बैठा रहता है.

कैसे हुआ 35 क्विंटल चीनी कम होने का खुलासा

अलीगढ़ में स्थित साथा चीनी मिल पर किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की ऑडिट हुई थी, इस ऑडिट में 35 लाख रुपये की कीमत की 1100 क्विंटल चीनी कम पाई गई. जिसकी रिपोर्ट तैयार करने के बाद कमेटी की तरफ से आला अधिकारियों को दी तो विभाग भी असमंजस में पड़ा हुआ है. वहीं इस मामले में प्रबंधक, लेखाधिकारी सहित छह लोगों को प्राथमिक तौर पर दोषी माना गया है और बंदरों के चीनी खाने वाले जबाब को सिरे से नकार दिया गया है. पूरी रिपोर्ट तैयार करने के बाद गन्ना आयुक्त को भेजी गई है. इतनी बड़ी मात्रा में चीनी का बंदरों के खाए जाने और बारिश में खराब होने का मामला सामने आने के बाद बड़े चीनी घोटाले की चर्चा भी शुरू हो चुकी है. जानकारों की मानें तो विभाग को ही इसका जिम्मेदार माना जा रहा है. वहीं पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आला अधिकारियों की तरफ से इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी से भी रिपोर्ट मांगी गई है.

कब आई थी मामले की पूरी रिपोर्ट

जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां और पंचायत लेखा परीक्षा ने किसान सहकारी चीनी मिल लिमिटेड का ऑडिट पिछले दिनों कराया था. इसके तहत साथा चीनी मिल के 31 मार्च 2024 तक अंतिम स्टॉक का फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल से अक्टूबर 2023 तक चीनी के स्टॉक का मिलान हो गया. इसके बाद फरवरी 2024 में चीनी का स्टॉक 1538.37 क्विंटल था. मार्च 2024 में यह स्टॉक घटकर 401.37 क्विंटल रह गया. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 1137 क्विंटल सफेद चीनी बंदरों और बारिश के कारण खराब होने का हवाला दिया गया था, लेकिन कुछ चीनी मिल में ही मिली लेकिन लाखो रुपये की चीनी को बंदरों के खाने का हवाला दिया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, इतना ही नहीं, मार्च महीने का शेष दर्शित स्टॉक फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए नहीं मिला. इस संबंध में स्पष्ट उत्तर गोदाम की पर की ओर से नहीं दिया गया. ऑडिट रिपोर्ट में प्रबंधक, लेखाधिकारी सहित छह को दोषी ठहराया गया है. अलीगढ़ में करीब 4500 हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है. आसपास के किसान इस मिल में गन्ने लाते हैं और मिल की तरफ से उनका भुगतान किया जाता है.

कैसे होगी विभागीय वसूली?

अलीगढ़ में चीनी मिल में चीनी कम मिलने के मामले में बंदरों की बात को नकारते हुए जांच कमेटी की तरफ से विभागीय लोगों को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें सहकारी समितियां और पंचायत लेखा परीक्षा के सहायक लेखा परिक्षा अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने रिपोर्ट में टोटल 1137 कुतंल चीनी वर्तमान अनुमानित बाजार मूल्य 3100 की दर से 35 लाख 24 हजार 700 रुपये की हानि संस्था को हुई है. इसके लिए प्रधान प्रबंधक राहुल यादव, मुख्य लेखाधिकारी ओमप्रकाश ओमप्रकाश, प्रबंधक रसायन विनोद एमके शर्मा, लेखाकार महिपाल सिंह, प्रभारी सुरक्षा अधिकारी दलवीर सिंह, गोदाम कीपर गुलाब सिंह को जिम्मेदार माना है. साथ ही गन्ना आयुक्त, उप निदेशक चीनी मिल संघ लखनऊ को भी रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें इन लोगों को ही चीनी का जिम्मेदार बताया गया है और सभी आरोपियों के खिलाफ विभागीय जांच भी अलग से शुरू कर दी गई है.

क्या कहते हैं अलीगढ़ के डीएम?

इसे पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी अलीगढ़ विशाख का कहना है 1137 क्विंटल चीनी की छति पहुंचाए जाने का मामला सामने आया है. इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी से रिपोर्ट मांगी जा रही है. अब पूरे मामले में जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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