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वडोदरा: गोल्ड पोटेशियम साइनाइड पीने के लिए मजबूर करने वाले साहूकारों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

वडोदरा में परिवार के 3 सदस्यों को जहर देकर मारने वाले घर के मालिक को होश आ गया. इससे पहले उसने अपने पिता और पत्नी को जहर देकर अंतिम संस्कार करने वाली पत्नी के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. बाद में पुलिस को घर के मालिक पर शक हुआ, जिसने जहर पी लिया और परिवार के सदस्यों को जहर देने की बात कबूल कर ली. इस बीच उसने पूरी घटना का ठीकरा पहले मृत पत्नी और फिर सूदखोर पर फोड़ा. अब इस घटना में जहर देने वाली मोभी ने सूदखोर समेत 4 आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. जिसके मुताबिक तीन सूदखोरों से 5.75 लाख 20 फीसदी ब्याज पर लिए गए. साथ ही बिचौलिया दोस्त प्रति माह 10,000 कमीशन भी कमाता था.

इस मामले में मकरपुरा पुलिस ने आरोपी घर की नौकरानी की शिकायत पर चार सूदखोर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है.

*गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम व पते*

• परेशकुमार बलदेवभाई प्रजापति, निवासी, ई-88, श्रीनाथजी पार्क सोसाइटी न्यू एरा स्कूल रोड मकरपुरा, वडोदरा शहर

• धर्म कंदु स्वामी, रे. मकरपुरा वडोदरा बी10 राजीवनगर मकरपुरा एयरफोर्स के पीछे

• जयेंद्रसिंह छत्रसिंह परमार, निवासी बी/9, 204 फतम्बा अर्बन रेजीडेंसी वाघोडिया रोड वडोदरा

• राजेशभाई किशनचंद साहनी, निवास नं.02 निर्मलनगर सोसायटी अकोटा, स्टेडियम अकोटा के पीछे, वडोदरा शहर

वडोदरा शहर में एक घर में लुटेरे ने गन्ने के रस में जहर (गोल्ड पोटेशियम साइनाइड) मिलाकर अपनी पत्नी, बेटे और पिता की हत्या कर दी. इस घटना में पता चला कि घर के मालिक चेतन सोनी ने 3 सूदखोरों समेत 4 लोगों को प्रताड़ित करने के बाद यह कदम उठाया. इस मामले में चेतन सोनी ने मकरपुरा थाने में 3 सूदखोरों समेत 4 के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है.

वडोदरा के तरसाली इलाके में नंदनवन सोसायटी के निवासी चेतन मनहरलाल सोनी (उम्र 52 वर्ष) ने मकरपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत में कहा, “मैं सयाजी अस्पताल मेडिसिन एम-4 यूनिट में उपचाराधीन हूं.” पिछली 1 मई की शाम को हमारे सभी सदस्य फर्श पर बैठे थे. बाद में मैंने अल्पना सिनेमा के सामने गन्ने का रस निकालने वाली मशीन से 100 रुपये का गन्ना रस लिया और नीरज बजवाड़ा से गोल्ड पोटैशियम साइनाइड लाया और गन्ने के रस में मिलाकर अपने बेटे, पत्नी और पिता को दे दिया.

मुझे एक लोहे का छल्ला बनाना था.  अंगूठी का उपयोग आमतौर पर धूल इकट्ठा करने वाले बैग में किया जाता है. इन बैगों को बनाने के लिए अलग-अलग कच्चे माल का उपयोग किया जाता है, जिनमें से रिवेट्स को मैं राजेश सिंधी (अकोटा, वडोदरा के पास) से खरीदता था. जो मकरपुरा GIDC में वडसर मेन रोड के बगल में सखी हार्डवेयर के नाम से राजेश सिंधी की दुकान थी और लोहे के छल्ले बनाकर अलग-अलग पार्टियों को देता था, जिसमें जयेंद्र परमार के भी शामिल था, जो बैग बनाने का काम करता है.

जयेंद्र परमार वाघोडिया रोड वुडा में एक घर में रहते हैं और धर्मस्वामी मकरपुरा पुलिस स्टेशन के पास वायु सेना स्टेशन के आसपास एक सोसायटी में रहते हैं. मैं धर्मस्वामी के मित्र परेश प्रजापति (रेस्ट. नोविनो रोड, मकरपुरा, वडोदरा) को लंबे समय से जानता हूं. मैंने अपने मित्र धर्मस्वामी के माध्यम से परेश प्रजापति से 20% मासिक ब्याज पर 2 लाख रुपये लिये. जो पैसे परेश प्रजापति ने मेरे खाते में टुकड़ों में जमा किये थे. सिक्योरिटी के तौर पर परेश प्रजापति ने डेढ़ लाख और 80 हजार के ब्लैंक चेक लिए.

परेश प्रजापति को 3 महीने के लिए 40-40 हजार दिए और कुल 1.20 लाख रुपए ब्याज दिया और धर्म स्वामी को भी उन्होंने हर महीने 10-10 हजार रुपए कमीशन के रूप में नकद दिए और परेश प्रजापति ने ब्याज और मूल राशि की मांग की. हर माह के अंत में फोन पर परेश प्रजापति और धर्मस्वामी मुझे बार-बार वसूली के लिए धमकाते थे. बाद में मैंने राजेश सिंधी से 20% मासिक ब्याज पर ढाई लाख रुपए भी लिए, जिसकी सिक्योरिटी के तौर पर मैंने इंडियन ओवरसीज बैंक से ढाई लाख के ब्लैंक चेक दिए, जिन्हें मैंने ब्याज भी दिया.

करीब ढाई माह पहले उसने जयेंद्र परमार से सवा लाख रुपये लिए थे. जयेंद्र परमार ने मेरे खाते में ऑनलाइन पैसे जमा कराए. लेकिन सिक्योरिटी पेट ने मेरा 1.60 लाख रुपये का चेक दे दिया. परेश प्रजापति, धर्मास्वामी, जयेंद्र परमार और राजेश सिंधी टेलीफोन और आमने-सामने मुझसे ब्याज वसूली और जान से मारने की धमकी देते थे. मैंने उससे बार-बार कहा, मैं तुम्हारी सारी पूंजी और ब्याज दे दूंगा।  मुझे समय दो, लेकिन मेरी बात मत सुनो.

गत 1 मई को जयेंद्र परमार का फोन आया और कहा कि मेरे पैसे ब्याज सहित लौटा दो, नहीं तो तुम्हारे घर रेड लेकर आऊंगा. मैंने अपनी पत्नी, बेटे और पिता को जहर दे दिया क्योंकि मैं उन सभी पर 20% ब्याज दे रहा था क्योंकि वे चारों व्यक्तियों से पैसे वसूलते रहे और मुझे व्यवसाय में कोई अच्छी आय नहीं हुई. मैंने चारों सूदखोरों के खिलाफ मकरपुरा थाने में शिकायत दर्ज करायी है.  मकरपुरा पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है.

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