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बैगा आदिवासियों के साथ थिरके उपराष्ट्रपति: डिंडोरी में कहा- भारतीय प्रजातंत्र में जनजाति का स्थान रीढ़ की हड्डी के बराबर

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारतीय प्रजातंत्र में जनजाति का स्थान रीढ़ की हड्डी के बराबर है। जनजाति ही भारतीय संस्कृति और प्रजातंत्र को बल देता है। देश के इतिहास में पहली बार एक जनजाति महिला राष्ट्रपति बनती है, पीएम को शपथ दिलाती है। यह गौरव का पल है। डिंडोरी में बुधवार को विश्व सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन विश्व दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल डॉ. मंगू भाई पटेल की तारीफ की। कहा कि राज्यपाल का दिल जनजाति के लिए धड़कता है।

उपराष्ट्रपति बुधवार सुबह करीब 11 बजे डिंडोरी पहुंचे। हेलीपैड से वह कार्यक्रम स्थल चंद्र विजय कॉलेज कैंपस पहुंचे, जहां उन्होंने पौधारोपण किया। इसके बाद बैगा आदिवासियों के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्र पर थिरके। इस दौरान उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री ने वाद्ययंत्र भी बजाया। इसके बाद विभागों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया।

भारत की पहचान है जनजाति कल्चर
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 1989 में जब मैं सांसद बना, केंद्र में मंत्री बना तो हमारी अर्थव्यवस्था लंदन शहर और पेरिस से भी छोटी थी। हमारा सोना हमने स्विटजरलैंड को गिरवी रखा था। अब देखिए हम कहां से कहां आ गए। हमने बहुत सारे देशों को पीछे छोड़ दिया। इसमें जनजाति का बहुत बड़ा योगदान है, भारत की पहचान जनजाति कल्चर है।

उप राष्ट्रपति लगभग 1 घंटे 45 मिनट डिंडोरी में रुके। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल मंगू भाई पटेल, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते मौजूद रहे।

 

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