कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सेबी की चैयरमैन माधबी बुच पर हमला किया है. उन्होंने कहा, सेबी की चैयरमैन रहते हुए ICICI बैंक से वो कैसे और क्यों तनख्वाह ले रहीं थीं, 2017 से 2024 तक 16.80 करोड़ लिए.
पवन खेड़ा ने कहा, माधबी पुरी बुच सेबी की फुल टाइम मेंबर थी और उसके बाद वो चेयरपर्सन बनी. सेबी की चेयरपर्सन को पीएम और गृह मंत्री अपॉइंट करते हैं. उन्होंने कहा, अब तक हिंडेनबर्ग रिपोर्ट की और सेबी प्रमुख की भूमिका पर कई बार चर्चा की है, अडानी की कहानी पर चर्चा की गई है.
तनख्वाह को लेकर उठाए सवाल
पवन खेड़ा ने कहा, सेबी की अध्यक्ष ने पहला गैर कानूनी काम साल 2017 से 2019 तक आईसीआईसीआई बैंक से 16.80 लाख तनख्वाह ली, जबकि आप तो सेबी की मेंबर थी. ये सीधे-सीधे सेबी के सेक्शन 54 का उल्लंघन है ऑफिस ऑफ प्रोफिट है. अगर थोड़ी शर्म है तो इस्तीफा दे दें. उन्होंने आगे कहा, इन्हें सेबी से तनख्वाह भी मिलती थी, आईसीआईसीआई में अचानक 422 फीसदी तनख्वाह इनकी बढ़ गई, मतलब कई जगह से सैलरी ले रही हैं.
आईसीआईसीआई से 16 करोड़ ले चुकी, सेबी से 3 करोड़ से ज्यादा, ये वायलेशन है. इस दौरान आईसीआईसीआई के कई केस में सेबी जांच कर रहा है और जजमेंट दे रहा है, ये शतरंज के खिलाड़ी हैं कौन?
पीएम मोदी पर किया हमला
पवन खेड़ा ने निशाना साधते हुए कहा, आप ही आईसीआईसीआई की केस में जजमेंट देते हैं उसी से सैलरी लेते हैं, सवाल पीएम से है और अमित शाह से की आप जब रेगुलेटरी बॉडी के हेड की नियुक्ति करते हैं तो उसका क्राइटेरिया क्या है? क्या ये तथ्य आपके सामने आए या उसके बाद आए और आपने नजरंदाज कर दिया, और अगर नहीं आए तो आप कैसी सरकार चला रहे हो?
पवन खेड़ा ने पीएम से पूछे सवाल
- क्या पीएम जानते थे की वो आईसीआईसीआई से सैलरी ले रही हैं जबकि वो सेबी की मेंबर बन चुकी है.
- क्या पीएम को पता है की आईसीआईसीआई से सैलरी लेने वाली मैडम जहां मेंबर हैं आईसीआईसीआई के केस वही सुने जाते हैं और वहीं फैसले किए जा रहे हैं
- सेबी की मेंबर या अध्यक्ष को आईसीआईसीआई छोड़ने के बाद भी लाभ क्यों मिलते रहे? टीडीएस भी मिलता रहा
- सेबी की अध्यक्ष मामले में हिंडेनबर्ग में खुलासा हुआ, जोकि आज फिर हुआ, तो उनको बचा कौन रहा है? ये बात बताए पीएम?