मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर में स्थिति ठीक नहीं हो रही है. हमारी मांग है देश के गृह मंत्री इस्तीफा दें. जयराम रमेश प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, तीन मई से मणिपुर जल रहा है. पीएम मोदी मणिपुर को छोड़ कर सभी जगह चले गए लेकिन मणिपुर नहीं गए.
रमेश ने कहा कि हमारी पहली मांग है कि पीएम मोदी पार्लियामेंट सेशन से पहले मणिपुर जाएं. वहां की पार्टियों से मिलें. सामाजिक संस्थाओं से मिलें. रिलीफ कैंप जाएं. मणिपुर के पार्टी डेलिगेशन से भी मिलें. वहीं, हमारी दूसरी मांग यह है कि पीएम मोदी मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक बुलाएं. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि 31 जुलाई 2024 से मणिपुर में फुल टाइम गवर्नर नहीं है.
‘असफल CM को क्यों बचा रहे गृह मंत्री’
इससे पहले एक प्रतिष्ठित आदिवासी महिला राज्यपाल थीं, उन्हें क्यों हटाया गया ये उनकी मानसिकता को दर्शाता है. पिछले अठारह महीने से ऐसा लगता है कि पीएम मोदी ने गृह मंत्री के ऊपर मणिपुर को छोड़ दिया है. क्यों गृहमंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री की विफलता पर आंख बंद कर ली है. बीजेपी के विधायक इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन गृह मंत्री एक असफल सीएम को बचा रहे हैं.
हमारी ये भी मांग है कि अगर बीजेपी और केंद्र सरकार ड्रग्स माफिया पर सच में और ईमानदारी से कार्रवाई करना चाहती है तो केस को लंबित क्यों रखा गया है? राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का इस्तेमाल करिए लेकिन कुछ नहीं हो रहा है.
अमित शाह आज करेंगे समीक्षा बैठक
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में एक अहम बैठक करेंगे और वहां की स्थिति की समीक्षा करेंगे. रविवार को गृह मंत्रालय ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया था. गृह मंत्रालय ने शनिवार को मणिपुर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे. मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बराक नदी से बरामद किए जाने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. हिंसा प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है.
मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?
मणिपुर के जिरिबाम में नदी से तीन शव मिलने के बाद लोगों का गुस्सा फूट गया. इस घटना से आक्रोशित लोगों ने बीजेपी के विधायकों और मंत्रियों के घर का रुख किया लेकिन जब उन्हें पता चला कि मंत्री जी राज्य में नहीं है. इसके बाद नाराज लोगों ने घर में तोड़ फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया. हिंसा के विरोध में लोगों ने इंफाल में प्रदर्शन किया गया. हालात को देखते हुए इंफाल में इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. सात जिलों में इंटरनेट को बंद कर दिया गया. आरोप है कि उग्रवादियों ने अपहरण के बाद इनकी हत्या कर दी.