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गाय की डकार पर टैक्स वसूलने की योजना क्यों लाई थी न्यूजीलैंड सरकार? जानें पशुओं की पेट समस्या का पर्यायवरण से क्या कनेक्शन है

डकार आना एक आम शारीरिक घटना है. जब खाना ठीक से नहीं पचता, तो मुंह से डकार आती है. इंसानों की तरह गायों को भी डकार आती है. लेकिन एक देश में इनकी डकार पर अलग से टैक्स देने का नियम था. यह देश है न्यूजीलैंड. यहां की सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि गाय की डकार पर लगने वाले टैक्स को हटाया जा रहा. इस बीच लोगों के मन में सवाल है कि आखिर न्यूजीलैंड में ‘डकार टैक्स’ की जरूरत ही क्यों पड़ी. आइए समझते हैं कि गाय की डकार का पर्यावरण से क्या कनेक्शन है.

पशुओं की डकार पर टैक्स अक्टूबर 2022 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न की सरकार लाई थी. इस व्यवस्था को 2025 से लागू किया जाना था. इसके तहत जानवरों की डकार, उनसे निकलने वाली मीथेन गैस और उनके पेशाब से आने वाली नाइट्रस ऑक्साइड के लिए किसानों को टैक्स चुकाना पड़ता. प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा था कि इस टैक्स से जो पैसे आएंगे, उन्हें रिसर्च और किसानों की बेहतरी के लिए लगाए जाएगा.

गाय की डकार का पर्यावरण से क्या कनेक्शन?

इंसानों की तरह गायों को भी पेट के गैस की समस्या होती है. लेकिन उनकी डकार से जितनी हानिकारक गैसें निकलती हैं उतनी हानिकारक गैस किसी कार से भी नहीं निकलती. दरअसल, गाय के पेट में मीथेन नाम की ग्रीनहाउस गैस बनती है, जिसे धरती के लिए मुसीबत माना जाता है. ग्रीनहाउस गैस उन्हें कहा जाता है जो सूरज की गर्मी को सोखते हैं और धरती को गर्म करते हैं.

बताया जाता है कि पशु, मुख्य रूप से गाय, पूरी दुनिया के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के 14.5 प्रतिशत हिस्से के लिए जिम्मेदार होते हैं. गाय, भेड़ और बकरी जैसे पालतू जानवरों से 90 मिलियन टन मीथेन गैस निकलती है. ऐसा उनके पाचन क्रिया की वजह से होता है.

गाय के अंदर कैसे बनती है मीथेन गैस?

नासा की एक रिपोर्ट में बताया है कि गायों की डकार में मीथने ‘एंट्रिक फर्मेंटेशन’ नाम के प्रोसेस से बनती है. एंट्रिक फर्मेंटेशन पाचन प्रक्रिया है, जिसमें शुगर को सरल माॅलिक्यूल में तोड़ा जाता है ताकि वो ब्लड स्ट्रीम में घुल जाए. इस प्रोसेस में गाय की बड़ी आंत में छोटे प्रतिशत में मीथेन भी बन जाती है. जब भी वो डकारती हैं, तो मीथेन गैस उनके शरीर से निकलकर वातावरण में पहुंच जाती है.

नासा के मुताबिक, किसी डेयरी में एक गाय सालाना 80 से 120 किलो मीथेन डकारती है. जबकि एक फैमिली कार साल भर में इतना ही कार्बन उत्सर्जित करती है.

न्यूजीलैंड में कितनी बड़ी है पशुओं के डकार की समस्या?

न्यूजीलैंड ने 2050 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और देश को कार्बन तटस्थ बनाने का वादा किया है. इस योजना में 2030 तक खेत वाले जानवरों के मीथेन उत्सर्जन को 10 प्रतिशत और 2050 तक 47 प्रतिशत तक कम करना शामिल है. एक आंकड़े के मुताबिक, न्यूजीलैंड के कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग आधा हिस्सा कृषि सेक्टर से आता है. देश की आबादी केवल 50 लाख लोगों की है, जबकि डेयरी मवेशी 1 करोड़ और भेड़ों की संख्या 2.6 करोड़ है.

न्यूजीलैंड सरकार का विवादित ‘डकार टैक्स’ इन बातों को ध्यान में रखकर बनाया गया था. यह अपनी तरह का दुनिया का पहला टैक्स था. हालांकि, अब इस योजना को हटा दिया जाएगा. न्यूजीलैंड में नेशनल पार्टी की नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने किसानों के लिए ये बड़ा फैसला लिया है. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को उत्पादन या निर्यात कम किए बिना टेक्नोलॉजी के जरिए उत्सर्जन कम करने में मदद करना चाहती है.

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