कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के वायनाड से एकतरफा बढ़त पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेत्री मुमताज पटेल ने कहा है कि यह अच्छी खबर है कि अब हम प्रियंका गांधी जी को संसद में देखेंगे. वह चुनाव एकतरफा जीत रही हैं. मुमताज ने अपने गृह राज्य गुजरात और कर्नाटक के उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी की बढ़त पर खुशी जताते हुए कहा कि पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही है. झारखंड के चुनाव में गठबंधन की बढ़त पर खुशी जताई. महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि दुख हो रहा है कि पार्टी वहां हार रही है.
मुमताज ने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव को लेकर आज वह अपने पिता अहमद पटेल को बहुत याद कर रही हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी बनाने का विचार उनका ही था. उनके कारण ही कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना एक साथ गठबंधन के लिए राजी हुए थे. अपने पिता के बारे में उन्होंने कहा कि वह हमेशा व्यक्तिगत हितों को पीछे रखकर पार्टी के बारे में सोचते थे.
वायनाड से प्रियंका को भारी बढ़त
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा नतीजों में अपने विपक्षी उम्मीदवार पर बड़ी बढ़त बना चुकी हैं. प्रियंका लगभग 4 लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रही हैं. उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है. यहां पर सीपीआई के सत्यन मोकेरी दूसरे और बीजेपी की नव्या हरिदास तीसरे स्थान पर हैं.
#WATCH | Delhi | Congress leader Mumtaz Patel says, “The good news is that we will now see Priyanka ji in Parliament with a landslide victory in Wayanad. The party is leading in both Gujarat and all 3 seats in Karnataka in bypolls. Our alliance is also leading in Jharkhand. It is pic.twitter.com/1gHwJiodC8
— ANI (@ANI) November 23, 2024
लड़की बहन योजना से फायदा
महाराष्ट्र के चुनाव में महायुति की बढ़त पर मुमताज पटेल ने कहा कि लगता है कि उन्हें लड़की बहन योजना का फायदा हुआ है, क्योंकि हमने देखा कि चुनाव में बड़ी तादाद में महिलाएं वोट डालने के लिए निकली थीं, शायद उनकी डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम पसंद आ रही है. मध्य प्रदेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां भी बीजेपी को लाड़ली बहन योजना का फायदा हुआ था, और महाराष्ट्र में भी यही लग रहा है.
ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के सवाल पर मुमताज पटेल ने कहा कि मेरा मानना है कि इस पर सोच-समझकर बयान देना चाहिए, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह ट्रेंड देखा गया है कि जब भी एक छोटे राज्य और एक बड़े राज्य में चुनाव होते हैं, तो छोटे राज्य में विपक्षी दल को जीत मिलती है और बड़े राज्य में बीजेपी जीत जाती है.